केरल में देवदूत बनकर आई सेना, इस तरह बचाई सैंकड़ों लोगों की जान (Video)

Edited By vasudha,Updated: 14 Aug, 2018 11:14 AM

soldier construct bridge using resources in area

केरल में भारी बारिश के बाद बाढ़ ने भयंकर तबाही मचा दी है। बारिश और भूस्खलन के चलते क​ई लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी। वहीं कई इलाकों में पानी भर गया है जिस कारण लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है...

नेशनल डेस्क: केरल में भारी बारिश के बाद बाढ़ ने भयंकर तबाही मचा दी है। बारिश और भूस्खलन के चलते क​ई लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी। वहीं कई इलाकों में पानी भर गया है जिस कारण लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इसी बीच सेना लोगों के लिए देवदूत बनकर आई है। जवान अपनी जान पर खेलकर सैकड़ों लोगों को जिंदगी बचा रहे हैं। 


भारतीय सेना के इंजीनियर टास्क फोर्स ने जो कर दिखाया उसे देख सभी सलाम कर रहे हैं। केरल का मलाप्‍पुरम बाढ़ की वजह से सबसे ज्‍यादा प्रभावित हिस्‍सा है। यहां पर सेना ने सेना के जवानों ने गिरे हुए पेड़ और अन्य स्थानीय संसाधनों के इस्तेमाल से एक अस्‍थायी फुट ओवर ब्रिज बनाकर राहत के काम को अंजाम दिया। यह फुट ओवर ब्रिज 40 फीट ऊंचा है और इसे सेना ने इलाके में मौजूद लोकल रिसोर्सेज का प्रयोग करके तैयार किया। सोशल मीडिया पर जवानों की कुछ तस्वीरें भी सामने आई हैं जिसमें वह पुल बनाते दिखाई दे रहे हैं जिसे लोग खूब पसंद कर रहे हैं। 

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आर्मी के साथ-साथ नेवी, एयरफोर्स और एनडीआरएफ के जवान केरल में लोगों को मदद कर रहे हैं। बाढ़ से सबसे अधिक प्रभावित इलाके कन्नूर, वायनाड, कोझीकोड, इडुक्की और मल्लापुरम हैं जहां 40 से अधिक टीमें काम कर रही हैं। ताकि बाढ़ प्रभावित इलाके में फंसे हर एक व्यक्ति को बचाया जा सके। सेना खराब मौसम, खराब संचार व्यवस्था और खराब कनेक्टिविटी से जुझते हुए अनवरत रेसक्यू ऑपरेशन में जुटी हुई है। अब त​क बुजुर्ग महिलाओं और बच्चों सहित 1000 से अधिक लोगों को विभिन्न स्थानों से बचाया गया है। 
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वहीं उत्तरी पहाड़ी जिले वायनाड में रातभर बड़े पैमाने पर भूस्खलन हुए और बाढ़ आयी जिससे हजारों लोगों को राहत शिविरों में शरण लेने के लिए मजबूर होना पड़ा। अधिकारियों ने बताया कि जिले के पश्चिमी घाट में भूस्खलन और जमीन धंसने के कारण कई लोगों को अपने घर छोड़कर भागना पड़ा। अधिकारियों ने बताया कि जिले में 124 राहत शिविरों में 13,800 से अधिक लोगों को शरण दी गई है। निचले इलाके डूब गए हैं। बानसुरा सागर बांध से क्षमता से अधिक पानी निकालने के लिए कल रात उसके द्वार खोले गए। कन्नूर, कासरगोड, कोझिकोड, मलप्पुरम और पलक्कड़ समेत उत्तरी केरल जिलों के कई हिस्सों में भी बीती रात बारिश हुई। 

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इडुक्की जलाशय से संबद्ध चेरुथोनी बांध के दो द्वार कल शाम बंद कर दिए गए। बांध में पानी का स्तर घट रहा है जिससे निचले इलाकों खासतौर से एर्नाकुलम जिले में लोगों के प्रभावित होने का डर कम हो रहा है। हालांकि, मुल्लापेरियार बांध में जल स्तर 136 फुट पर पहुंच गया है जिससे अधिकारियों को अलर्ट जारी करना पड़ा। बांध के तलहटी क्षेत्र में लगातार बारिश हो रही है। इस बीच त्रावणकोर देवस्वोम बोर्ड ने पम्बा नदी में तेजी से जल स्तर बढऩे के कारण श्रद्धालुओं को सबरीमाला तीर्थयात्रा ना करने की सलाह दी है।
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केरल के कई हिस्सों में कल मूसलाधार बारिश हुई जिससे जमीन धंसने के कारण पहले से ही परेशान लोगों की मुसीबतें और बढ़ गई हैं। राज्य में बारिश के कारण छह दिनों में 39 लोगों की मौत हो चुकी है। गृह मंत्रालय के राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया केंद्र (एनईआरसी) ने बताया कि केरल में मानसून से संबंधित घटनाओं में 187 लोगों की जान जा चुकी हैं। वहीं 14 जिलों में 2,406 गांव बारिश तथा बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हैं तथा 26,400 हेक्टेयर से अधिक की फसल बर्बाद हो गई है। मलप्पुरम, कोझिकोड, इडुक्की और वायनाड जिलों में विभिन्न स्थानों पर भूस्खलन की खबरें हैं। 

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