Edited By vasudha,Updated: 19 Aug, 2018 06:17 PM
भारी बारिश और जोखिम भरी परिस्थितियों के बावजूद केरल के लोगों को बचाने के अभियान में जुटे वायुसेना कर्मी देवदूत बने हुए हैं। ऐसे ही एक अभियान के तहत वायुसेना के एक युवा अधिकारी की, बाढग़्रस्त इलाके में छत पर फंसे एक मासूम को बचाने की तस्वीर सामने आई...
नेशनल डेस्क: भारी बारिश और जोखिम भरी परिस्थितियों के बावजूद केरल के लोगों को बचाने के अभियान में जुटे वायुसेना कर्मी देवदूत बने हुए हैं। ऐसे ही एक अभियान के तहत वायुसेना के एक युवा अधिकारी की, बाढग़्रस्त इलाके में छत पर फंसे एक मासूम को बचाने की तस्वीर सामने आई है। आठ अगस्त से केरल में मानसून के दूसरे दौर के दौरान अब तक 197 लोगों की जान जा चुकी है।
विंग कमांडर प्रशांत एक रस्सी के सहारे दो मंजिला मकान की छत पर उतरे। टीवी पर दिखाई जा रही तस्वीरों में प्रशांत दो साल के मासूम को अपनी छाती से चिपकाए रस्सी के सहारे हेलीकॉप्टर पर सुरक्षित पहुंचते नजर आए। अधिकारी ने बाद में हेलीकॉप्टर में बेहद व्यग्रता से अपने बच्चे का इंतजार कर रही मां को उसे सौंप दिया। बच्चे को हाथों में थामते ही मां की आंखों में खुशी के आंसू आ गए और कृतज्ञता से हाथ जोड़कर उसने वायुसैनिकों को शुक्रिया कहा।
प्रशांत और उनके जैसे कई गुमनाम नायक दुख की इस घड़ी में केरल के लोगों को राहत पहुंचाने के काम में दिल जान से जुटे हैं। केरल अभी सदी की सबसे भीषण बाढ़ से जूझ रहा है। सोशल मीडिया पर वायरल एक अन्य तस्वीर में यह नजर आया कि अपने हॉस्टल के कमरे में बिना खाने-पानी के फंसी लड़कियों को वायुसेना के एक हेलीकॉप्टर की मदद से बचाया गया। सभी फंसे लोगों को जब सुरक्षित हेलीकॉप्टर में पहुंचा दिया गया तो उन्होंने रोकर और एक दूसरे को गले लगाकर अपनी खुशी का इजहार किया।
एक गर्भवती महिला को रस्सी के सहारे हेलीकॉप्टर पर सुरक्षित पहुंचाने वाले कमांडर विजय वर्मा यह जानकार खुश हैं कि महिला ने एक बच्चे को जन्म दिया है। अधिकारी ने बाद में कहा कि यह बेहद चुनौतीपूर्ण काम था। हमें एक आपात संदेश (एसओएस) मिला और हमनें उन्हें ढूंढ लिया...यह पेशेवर और व्यक्तिगत रूप से बेहद सुतुष्टि देने वाला है।
इसी तरह सोशल मीडिया पर नौसेना के कैप्टन पी राजकुमार की तारीफों वाले संदेशों की भरमार है जिन्होंने असाधारण बहादुरी दिखाते हुए चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में 25 लोगों को सुरक्षित बचाया। आईएएस अधिकारी एम जी राजमानिक्यम और एन एस उमेश की वायनाड जिला कलेक्ट्रेट में राहत सामग्री वितरण के लिए चावल के बोरों को ढोने की तस्वीरों की भी लोग खूब सराहना कर रहे हैं।