दर्दनाक: बीमार पिता को ठेले पर लेकर दौड़ता रहा बेटा, मदद के लिए नहीं आया कोई आगे

Edited By vasudha,Updated: 29 Apr, 2020 06:04 PM

son kept running with his sick father on the cart

एम्बुलेंस नहीं मिलने पर दमे के एक मरीज को परिवार के लोग ठेले पर अस्पताल ले गए लेकिन पुलिस और चिकित्साकर्मियों की कथित लापरवाही से व्यक्ति की जान नहीं बच सकी। हालांकि पुलिस और डॉक्टरों ने कथित लापरवाही की बात से इनकार किया है...

नेशनल डेस्क: एम्बुलेंस नहीं मिलने पर दमे के एक मरीज को परिवार के लोग ठेले पर अस्पताल ले गए लेकिन पुलिस और चिकित्साकर्मियों की कथित लापरवाही से व्यक्ति की जान नहीं बच सकी। हालांकि पुलिस और डॉक्टरों ने कथित लापरवाही की बात से इनकार किया है।

 

दिल दहला देने वाली यह घटना सोमवार को हुयी जब कोटा के रामपुरा इलाके में रहने वाले सब्जी विक्रेता सतीश अग्रवाल को दमे का दौरा पड़ा। इलाके में इस समय कर्फ्यू लागू है। अग्रवाल के पुत्र मनीष ने मंगलवार को बताया कि उनके पिता को सुबह 11.30 बजे दौरा पड़ा और उन्होंने शहर में विभिन्न एम्बुलेंस सेवाओं के लिए बार-बार फोन किए, लेकिन कहीं से भी जवाब नहीं मिला।

 

मनीष ने कहा कि जब किसी एम्बुलेंस सेवा से कोई जवाब नहीं मिला, तो मैंने अपने पिता को सब्जी वाले ठेले में बिठाया और अस्पताल की ओर चल दिया, जो करीब 2.5 किमी दूर है। मनीष ने बताया कि हालांकि, रास्ते में पुलिसकर्मियों ने कर्फ्यू वाली सड़क पर विभिन्न स्थानों पर लगे बैरिकेड हटा दिए, लेकिन उनमें से किसी ने भी हमारी मदद करने और मेरे पिता को अस्पताल पहुंचाने के बारे में नहीं सोचा।

 

मृतक के एक अन्य रिश्तेदार ने कहा, "मनीष ने अस्पताल जाने के दौरान एक किलोमीटर की दूरी तय की थी, इसके बाद मैंने किसी तरह एक निजी एम्बुलेंस किराए पर ली। उन्होंने दावा किया कि अस्पताल में हम एक कमरे से दूसरे कमरे तक भटकते रहे और अंतत: दोपहर 2.30 बजे उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।एमबीएस अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ नवीन सक्सेना ने पीड़ित के इलाज में लापरवाही के आरोप का खंडन किया।

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