Edited By Seema Sharma,Updated: 17 Jul, 2020 12:25 PM
दिल्ली में जिस्मफरोशी का सबसे बड़ा रैकेट चलाने वाली सोनू पंजाबन उर्फ गीता अरोड़ा पहली बार किसी केस में दोषी करार दी गई है। सोनू पंजाबन को 12 साल की बच्ची के अपहरण, देह व्यापार और मानव तस्करी के आरोप में दिल्ली की द्वारका कोर्ट ने दोषी करार दिया है।...
नेशनल डेस्कः दिल्ली में जिस्मफरोशी का सबसे बड़ा रैकेट चलाने वाली सोनू पंजाबन उर्फ गीता अरोड़ा पहली बार किसी केस में दोषी करार दी गई है। सोनू पंजाबन को 12 साल की बच्ची के अपहरण, देह व्यापार और मानव तस्करी के आरोप में दिल्ली की द्वारका कोर्ट ने दोषी करार दिया है। सोनू पंजाबन के साथ एक और आरोपी संदीप बेदवाल को भी अदालत ने दोषी माना है।
साल 2009 का मामला
साल 2009 में दिल्ली के हर्ष विहार इलाके की रहने वाली 12 साल की बच्ची का अपरहण हुआ था। 5 साल बाद वो बच्ची 2014 में नजफगढ़ थाने पहुंची और उसने आपबीती बताई। बच्ची ने पुलिस को बताया कि साल 2006 में जब वो 6वीं क्लास में पढ़ रही थी तब उसकी दोस्ती संदीप बेदवाल नाम के शख्स से हुई। साल 2009 में संदीप ने बच्ची को शादी का झांसा दिया और अपने साथ बहाने से लक्ष्मी नगर ले गया और वहां उसने उसके साथ रेप किया। इसके बाद संदीप ने बच्ची को अलग-अलग लोगों को 10 बार बेचा। बीच में बच्ची सोनू पंजाबन के पास भी रही जिसने उसे जिस्मफ़रोशी के धंधे में जबरन धकेल दिया।
बच्ची ने पुलिस को बताया कि उसे नशे के इंजेक्शन दिए जाते थे। जब वो किसी के पास जाने से मान करती तो उसे बुरी तरह से पीटा भी जाता था। इस दौरान बच्ची को दिल्ली से हरियाणा और पंजाब भी भेजा जाता था। आखिर में एक सतपाल नाम के शख्स ने बच्ची से जबरदस्ती शादी कर ली। बच्ची किसी तरह उसके चंगुल से छूटकर नजफगढ़ थाने पहुंची। सोनू पंजाबन दिल्ली और आसपास के राज्यों में देह व्यापार का धंधा चलाने के लिए जानी जाती थी और कई बार दिल्ली पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया था लेकिन हर बार वो छूट जाती थी। लंबी लड़ाई के बाद आखिरकार 16 जुलाई को सोनू पंजाबन दोषी ठहराई गई।