सौम्या मर्डर मिस्ट्री: अभी भी कई सवाल, लूटपाट या आवेश में हुई थी हत्या

Edited By Anil dev,Updated: 11 Feb, 2019 10:33 AM

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29 सितंबर 2008 की रात एक अंग्रेजी न्यूज चैनल की प्रोड्यूसर अपनी शिफ्ट से तीन घंटे लेट रात 3 बजे विडियोकॉन टावर में अपने ऑफिस से वसंत कुंज में अपने घर के लिए निकलीं थी। मारुति जेन खुद सौम्या ड्राइव कर रही थीं। करीब 3:15 बजे सौम्या के पिता एम. के....

नई दिल्ली(नवोदय टाइम्स): 29 सितंबर 2008 की रात एक अंग्रेजी न्यूज चैनल की प्रोड्यूसर अपनी शिफ्ट से तीन घंटे लेट रात 3 बजे विडियोकॉन टावर में अपने ऑफिस से वसंत कुंज में अपने घर के लिए निकलीं थी। मारुति जेन खुद सौम्या ड्राइव कर रही थीं। करीब 3:15 बजे सौम्या के पिता एम. के. विश्वनाथन ने उनके सेलफोन पर कॉल की। उस वक्त सौम्या चाणक्यपुरी में थीं। पिता को उम्मीद थी कि 15-20 मिनट में बेटी घर आ जाएगी, लेकिन इसी दौरान अनहोनी हो गई। उसकी हत्या कर  दी गई। चूंकि मामला मीडिया से जुड़ा था इसलिए तत्काल गृह मंत्रालय के निर्देशन में कई टीमों का गठन किया गया और जांच शुरु हुई। 6 माह में कोई सफलता नहीं मिली तो पुलिस को गृह मंत्रालय से अल्टीमेटम मिला,जिसके चंद घंटों बाद ही पुलिस ने दावा किया कि सौम्या विश्वनाथन मर्डर केस साल्व कर दिया गया है। मामले में पुलिस ने आरेापियों को गिरफ्तार किया और दावा किया कि सौम्या की हत्या लूटपाट के इरादे से की गई। लेकिन यहां पुलिस उस दिन से आजतक कई सवालों के जवाब नहीं दे पाई। यही नहीं अब सरकारी वकील  मामले में लगातार लापररवाही बरत रहे हैं।  कई सवाल अब भी कोर्ट में खड़े हैं जिसका जवाब पुलिस और सरकारी वकील के पास नहीं है।

 सौम्या के पिता एम.के.विश्वनाथन का सीएम केजरीवाल को ये पत्र
मैं अपनी बेटी सौम्या विश्वनाथन की हत्या से जुड़े केस से काफी चितिंत हूं। अधिकारियों के खोखले आश्वासन ने हमें थका दिया है और हम आपसे शीघ्र ठोस प्रतिक्रिया की उम्मीद करते हैं। हाल ही में सरकारी वकील में किये गये बदलाव ने हमारी न्याय की आशाओं को धूमिल कर दिया है। पिछली सुनवाई (2 फरवरी) को अदालत में अनुपस्थित थे। मामले में पहले अभियोजक के विपरीत, मौजूदा और पिछले सरकारी वकील केस की प्रगति के बारे में उनके परिवार को कोई भी जानकारी देने में विफल रहे। 10 साल पहले-उनकी बेटी की 25 साल की उम्र में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। पुलिस और अधिकारियों ने गिरफ्तारी करने और आरोपियों के खिलाफ एक मजबूत मामला दर्ज करने के लिए जबरदस्त प्रयास किया । 

उन्होंने कहा, लेकिन समय के साथ जैसे-जैसे मीडिया में मामले का दिखना कम होता गया , वैसे-वैसे हमें न्याय दिलाने में राज्य की दिलचस्पी भी कम होती गई। ऐसा नहीं है कि केस जल्दबाजी में खोला गया,जिन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया उन्होंने ही उसकी हत्या की थी। शुरुआत में जिस तरह के तथ्य सामने आए उससे पहले लगा कि उसका एक्सीडेंट हुआ,लेकिन पीएम में पता चला कि उसके सिर पर गोली लगी। जिसके बाद केस की धाराएं बदली गईं। इसके बाद जब जांच हुई तो हत्यारों को पता चला और लूटपाट की बात सामने आई। मामले में कोर्ट में मजबूती से पक्ष रखा गया है और आरोपियों पर मकोका भी लगा हुआ है। हम केस को मुकाम तक पहुंचा कर आरोपियों को सजा जरुर दिलाएंगे। 

ये थे आरोपी, और पुलिस की ये थी थ्योरी
पुलिस ने केस में  रवि कपूर, अमित शुक्ला, बलजीत मलिक, विजय कुमार और अजय सेठी को गिरफ्तार किया और दावा किया कि घटना वाली रात मदनगीर में रहने वाला रवि कपूर, लाडो सराय का अमित शुक्ला, मसूदपुर का बलजीत मलिक उर्फ पॉपी और मुनीरका में रहने वाला अजय भैंगा आपस में मिले। इनमें से किसी की भी जान-पहचान सौम्या से नहीं थी। पहले इन चारों ने अमित शुक्ला के घर ड्रिंक और डिनर किया। यहां से वे पहले एम्स और उसके बाद पीवीआर प्रिया गए। वाइट कलर की वैगन आर रवि चला रहा था। रवि ने यह कार 19 सितंबर 2008 को बेग सराय के जवाहर पार्क से चुराई थी। बिन्नी नामक महिला ने इस कार चोरी की एफआईआर नंबर 352 अगले दिन हौज खास थाने में दर्ज कराई थी। वसंत विहार में इन्हें धीमी गति से जा रही कार में अकेली लड़की जाती नजर आई। वह सौम्या थी। रवि ने अपनी कार पीछे लगा दी। उसने कई बार सौम्या को ओवरटेक कर रोकने की कोशिश की, लेकिन नाकाम रहा। गुस्से में रवि ने जेन की साइड में अपनी कार लाकर पिस्तौल निकाल सौम्या पर फायर कर दिया। गोली एक ही चली, जो जेन का शीशा तोड़कर सीधे सौम्या के सिर में जा लगी। उसके बाद आरोपियों ने उसका सामान लूटा और फरार हो गए। 

ये उठे सवाल

  • जो आरोपी पकड़े गए हैं वे संगठित गैंग बना कर चोरी का काम करते थे। उन पर पूर्व में कोई चार्ज नहीं था और न ही कभी उन्होंने लूटपाट की थी। लेकिन उस दिन क्यों की। 
  • जब कार ओवरटेक की गई तो रवि ने जेन की साइड से पिस्तौल निकाल कर गोली चलाई तो सौम्या को लगी और उसकी मौत हुई, लेकिन पुलिस की थ्योरी में ये मामला रोडरेज या गुस्से का था,तो फिर लूटपाट कैसे हुई। 
  • पुलिस ने सौम्या से लूटा हुआ कोई माल बरामद नहीं किया,यही नहीं घटना वाले दिन तक पुलिस की जांच में लूटपाट की बात नहीं कही गई थी। 
  • ये भी बड़ा सवाल है कि एक हत्या इन्होंने मुम्बई में की और उसी तर्ज पर एक हत्या रात में सौम्या की कि। क्या ये पेशेवर हत्यारे थे। 
  • अगर पुलिस की दलील सही है तो कोर्ट में अपनी थ्योरी के साथ सबूतों को पेश करने में क्यों नाकाम रही अब तक।  

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