Edited By Tanuja,Updated: 07 Jul, 2022 01:01 PM
संकटग्रस्त श्रीलंका ने आर्थिक मंदहाली से निकलने के लिए अब भारतीय पर्यटकों को लुभाने का प्लान बनाया है। श्रीलंका के पर्यटन मंत्री ने...
इंटरनेशनल डेस्क: संकटग्रस्त श्रीलंका ने आर्थिक मंदहाली से निकलने के लिए अब भारतीय पर्यटकों को लुभाने का प्लान बनाया है। श्रीलंका के पर्यटन मंत्री ने बुधवार को कहा कि संकटग्रस्त द्वीप में अधिक विदेशी मुद्रा लाने के लिए श्रीलंका अपने दुनिया के दूसरे सबसे अधिक आबादी वाले उत्तरी पड़ोसी भारत से अधिक पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए पांच प्रमुख भारतीय शहरों में रोड शो आयोजित करेगा। अपनी रोलिंग पहाड़ियों, प्राचीन समुद्र तटों और शांत समुद्र तटीय शहरों के लिए जाना जाता श्रीलंका सात दशकों में अपने सबसे खराब वित्तीय संकट से जूझ रहा है। देश के हालात आर्थिक कुप्रबंधन और COVID-19 महामारी से अधिक खऱाब हो गए और इसी कारण देश से आकर्षक पर्यटन उद्योग का सफाया हो गया है।
22 मिलियन लोगों का देश श्रीलंका अब आवश्यक वस्तुओं का आयात करने के लिए पर्याप्त विदेशी मुद्रा के का आभाव से जूझ रहा है । आर्थिक तंगी के चलते ही देश में दवा, भोजन और ईंधन की कमी हो गई है। खास बात यह है कि राजनीतिक उथल-पुथल के बावजूद श्रीलंका ने इस साल के पहले पांच महीनों में 61,951 भारतीय पर्यटकों की लगातार भीड़ देखी हैजो किसी भी विदेशी देश से सबसे अधिक है। यही वजह कि श्रीलंकन सरकार ने अब अपनी कंगाली दूर करने के लिए अधिक भारतीयों को आकर्षित करने की योजना बनाई है।पर्यटन मंत्री हरिन फर्नांडो ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, "श्रीलंका को इस संकट से उभरने के लिए पर्यटन राजस्व बड़ा सहायक साबित हो सकता है।"
फर्नांडो ने कहा कि इसके लिए श्रीलंका का पर्यटन मंत्रालय पांच प्रमुख भारतीय शहरों में रोड शो आयोजित करेगा, जिसमें डेस्टीनेशन वेडिंग के अलावा व्यापार और घूमने के इच्छुक यात्रियों को आकर्षित करने की मांग की जाएगी। उन्होंने कहा, "भारत हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण बाजार है।" फर्नांडो ने कहा कि पिछले साल 200,000 की तुलना में देश इश साल लगभग दस लाख पर्यटकों के आने की उम्मीद करता है। हालांकि ब्रिटेन सहित कुछ देशों ने नागरिकों को केवल श्रीलंका की आवश्यक यात्रा करने के लिए सलाह जारी की है। फर्नांडो ने कहा, "हमें विश्वास है कि सर्दी का मौसम अच्छा रहेगा।"
बता दें कि आर्थिक मंदहाली के सबसे बुरे दौर से गुजर रहे श्रीलंका में ईंधन की कमी के कारण देश भर में सरकारी स्कूल व दफ्तर बंद कर दिए गए हैं और कर्मचारियों को घर से काम करने के लिए कहा गया है। देश अगस्त में अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) को अपनी ऋण पुनर्गठन योजना पेश करेगा, जो अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए संभावित $ 3 बिलियन के कार्यक्रम को हासिल करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।