Edited By Tanuja,Updated: 27 Feb, 2021 04:18 PM
चीन ने भले ही कोरोना वैक्सीन तैयार कर ली है लेकिन दुनिया को चीनी वैक्सीन पर विश्वास नहीं है। दुनिया को कोरोना देने वाले चीन को अपनी वैक्सीन...
कोलंबो: चीन ने भले ही कोरोना वैक्सीन तैयार कर ली है लेकिन दुनिया को चीनी वैक्सीन पर विश्वास नहीं है। दुनिया को कोरोना देने वाले चीन को अपनी वैक्सीन की सफलता पर यकीन दिला मुश्किल हो रहा है। कई देशों के बाद अब श्रीलंका ने भी कह दिया है कि उसे चीन की वैक्सीन सिनोफार्म पर भरोसा नहीं है। श्रीलंका ने चीनी वैक्सीन की आपूर्ति रोककर भारतीय वैक्सीन के इस्तेमाल का फैसला लिया है।
श्रीलंका ने कहा है कि उसने चीनी वैक्सीन को फिलहाल होल्ड पर रखते हुए भारत में निर्मित ऑक्सफोर्ड और एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन के इस्तेमाल का फैसला लिया है। श्रीलंकाई कैबिनेट के प्रवक्ता डॉ. रमेश पथिराना ने कहा कि चीनी वैक्सीन सिनोफार्म के तीसरे चरण का ट्रायल अभी पूरा नहीं हुआ है। सिनोफार्म वैक्सीन के रजिस्ट्रेशन का डोजियर भी हमें नहीं मिला है इसलिए हम फिलहाल इसे होल्ड कर रहे हैं.WHO ने नहीं दी मंजूरी ।
डॉ. पथिराना के अनुसार श्रीलंका सीरम इंस्टीट्यूट में तैयार एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन पर ही निर्भर होगा। जब चीनी कंपनी से जरूरी दस्तावेज मिलेंगे, उसके बाद ही उस पर विचार किया जाएगा। हालांकि उन्होंने कहा कि सिनोफार्म वैक्सीन के पंजीकरण में समय लगेगा, क्योंकि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO)ने अभी इसे मंजूरी नहीं दी है, यह अभी भी विचाराधीन है।
प्रवक्ता ने आगे कहा कि रूसी वैक्सीन स्पुतनिक को अभी तक मंजूरी नहीं दी गई है इसलिए श्रीलंका अपने 14 मिलियन लोगों के वैक्सीनेशन के लिए भारत द्वारा निर्मित वैक्सीन पर ही निर्भर है। स्थानीय मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, श्रीलंकाई कैबिनेट ने ‘मेड इन इंडिया’ वैक्सीन की 10 मिलियन खुराक खरीदने के लिए 52.5 मिलियन डॉलर की डील की है।