Edited By Seema Sharma,Updated: 24 Jan, 2019 09:53 AM
आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से आज DRDO उपग्रह के प्रक्षेपण के लिए 16 घंटे की उल्टी गिनती शुरू हो गई है। गुरुवार रात 11:40 बजे ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी)-सी 44 रॉकेट से दो सैटेलाइट छोड़े जाएंगे।
चेन्नई: आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से आज DRDO उपग्रह के प्रक्षेपण के लिए 16 घंटे की उल्टी गिनती शुरू हो गई है। गुरुवार रात 11:40 बजे ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी)-सी 44 रॉकेट से दो सैटेलाइट छोड़े जाएंगे। इन उपग्रहों में डीआरडीओ का इमेजिंग सैटेलाइट माइक्रोसैट आर और छात्रों का सैटेलाइट कलामसैट शामिल है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधन संगठन (इसरो) ने यह जानकारी दी। इसरों के अधिकारियों के मुताबिक बुधवार शाम 7 बजे श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से सैटेलाइट के प्रक्षेपण के लिए उल्टी गिनती शुरू हुई।
इसरो के अधिकारी के मुताबिक पीएसएलवी के एक नए प्रकार के रॉकेट के जरिए 700 किलोग्राम के दोनों उपग्रहों को छोड़ा जाएगा। इसरो के चेयरमैन के सिवान ने पहले बताया था कि वजन को कम करने और पिंड के आकार को बढ़ाने के लिए एल्यूमीनियम के टैंक का इस्तेमाल किया जा रहा है। पीएसएलएवी में ठोस और तरल ईंधन से चलने वाले चार स्तरीय रॉकेट इंजन लगा हुआ है और इसे Pslv-DL का नाम दिया गया है। Pslv-DL के नए प्रकार के रॉकेट पीएसएलवी-सी44 का यह पहला अभियान है।