Edited By Punjab Kesari,Updated: 04 Jan, 2018 12:58 PM
द्रमुक के कार्यकारी अध्यक्ष एम के स्टालिन का कहना है कि तमिलनाडु द्रविड़ आंदोलन का उद्गम स्थल है, जहां ‘‘आध्यात्मिक राजनीति’’ के लिए कोई जगह नहीं है, जिसका जिक्र हाल ही में सुपरस्टार रजनीकांत ने किया था। उनका यह बयान ऐसे समय में आया है जब राजनीति...
चेन्नई: द्रमुक के कार्यकारी अध्यक्ष एम के स्टालिन का कहना है कि तमिलनाडु द्रविड़ आंदोलन का उद्गम स्थल है, जहां ‘‘आध्यात्मिक राजनीति’’ के लिए कोई जगह नहीं है, जिसका जिक्र हाल ही में सुपरस्टार रजनीकांत ने किया था। उनका यह बयान ऐसे समय में आया है जब राजनीति में प्रवेश करने की घोषणा के कुछ दिन बाद रजनीकांत ने उनके पिता एवं द्रमुक प्रमुख एम करुणानिधि से उनके निवास पर मुलाकात की थी।
स्टालिन ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि कुछ लोग ऐसा माहौल बनाने की कोशिश कर रहे हैं कि रजनीकांत तमिलनाडु में द्रविड़ आंदोलन का खात्मा करने का इरादा रखने वाले लोगों के कहने पर पार्टी शुरू करने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि मैं आपको बताना चाहता हूं कि यह पेरियार अन्ना (द्रविड़ ककागम के संस्थापक ई वी रामसामी पेरियार) और कलईगनर (करुणानिधि) की भूमि है, अतीत में भी ऐसे कई प्रयास असफल हो चुके हैं।
रजनीकांत ने राजनीति में आने का किया ऐलान
रजनीकांत के भविष्य में द्रमुक से समर्थन मांगने के सवाल पर स्टालिन ने कहा कि इन सभी बातों पर फैसला चुनाव के दौरान ही किया जा सकता है। बता दें कि बरजनीकांत ने पिछले साल 31 दिसंबर को अपनी राजनीतिक पारी का आगाज करने की घोषणा करते हुए राजनीति में ईमानदारी एवं सुशासन की हिमायत करते हुए आध्यात्मिक राजनीति करने की बात कही थी। उन्होंने कहा था कि सबकुछ बदलने की आवश्यकता है और साथ ही किसी भी तरह के जातीय या धार्मिक रंग के बिना पारर्दिशता के साथ ‘‘आध्यात्मिक राजनीतिक’’ की शुरुआत किए जाने की घोषणा की थी।