Edited By Seema Sharma,Updated: 29 Oct, 2018 02:31 PM
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 31 अक्तूबर को सरदार वल्लभभाई पटेल की मूर्ति ''स्टैच्यू ऑफ यूनिटी'' का उद्घाटन करेंगे। स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के ऊपर जाने के लिए लिफ्ट लगी हुई जिसके जरिए सरदार सरोवर का टॉप व्यू नजर आएगा।
नेशनल डेस्कः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 31 अक्तूबर को सरदार वल्लभभाई पटेल की मूर्ति 'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' का उद्घाटन करेंगे। स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के ऊपर जाने के लिए लिफ्ट लगी हुई जिसके जरिए सरदार सरोवर का टॉप व्यू नजर आएगा। स्टैच्यू ऑफ यूनिटी को देखने के लिए 300 रुपए की टिकट रखी गई है। मूर्ति के निर्माण में इस बात का ध्यान रखा गया है कि इसे भूकंप और अन्य आपदा से कोई नुकसान न हो। यह स्टैच्यू 180 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से चलने वाली हवाओं में भी स्थिर खड़ा रहेगा और 6.5 तीव्रता के भूकंप को सहन कर सकता है। इस विशाल मूर्ति के निर्माण में 1000 कर्मचारी शामिल हैं, जिसमें 200 कर्मचारी चीन के हैं।
स्टैच्यू ऑफ यूनिटी की खास बातें
- स्टैच्यू ऑफ यूनिटी बनाने वाली दिग्गज कंपनी लार्सन एंड टुब्रो ने दावा किया कि सरदार वल्लभ भाई पटेल के सम्मान में बन रही स्टैच्यू ऑफ यूनिटी विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा है और यह महज 33 माह के रिकॉर्ड कम समय में बनकर तैयार हुई है। इसका निर्माण 19 दिसंबर, 2015 को शुरू किया गया था।
- यह मूर्ति 182 मीटर ऊंची है।
- यह चीन में स्थित स्प्रिंग टेंपल की बुद्ध की प्रतिमा (153 मीटर) से भी ऊंची है और न्यूयॉर्क में स्थित स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी से लगभग दोगुनी ऊंची है।
- कंपनी ने कहा कि स्प्रिंग टेंपल के बुद्ध की मूर्ति को बनाने में 11 साल का वक्त लगा।
- एलएंडटी ने कहा कि इस मूर्ति का निर्माण 2,989 करोड़ रुपए की लागत से किया गया है।
- कांसे की परत चढ़ाने के एक आशिंक कार्य को छोड़ कर इसके निर्माण का सारा काम देश में किया गया है।
- यह प्रतिमा नर्मदा नदी पर सरदार सरोवर बांध से 3.5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
- स्टैचू के नीचे एक म्यूजियम भी तैयार किया गया है जहां पर सरदार पटेल की स्मृति से जुड़ी कई चीजें रखी गई हैं।