Edited By Monika Jamwal,Updated: 03 May, 2019 07:15 PM
आतंकवादी मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित किये जाने के बाद जिस इंसान को सबसे ज्यादा खुशी हुई है वो है पूर्व जेल अधीक्षक चचंल सिंह।
जम्मू : आतंकवादी मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित किये जाने के बाद जिस इंसान को सबसे ज्यादा खुशी हुई है वो है पूर्व जेल अधीक्षक चचंल सिंह। दिसंबर 1999 में जम्मू की कोट भलवाल जेल से जब मसूद को छोड़ा गया था तो उस समय जेल के इंचार्ज चचंल सिंह थे। उन्हें इस बात का मलाल था कि ऐसे खूंखार आतंकी को छोड़ा जा रहा है पर बेबसी यह थी कि बहुत सारे लोगों को बचाना था।
उन्होंने उस दिन के बारे में बात करते हुये कहा, मुझे आज भी वो दिन याद है। तत्कालीन डीआईजी साहब डा एस पी वैद सुबह दस बजे मेरे पास आए। उन्होंने सारी औपचारिकताएं पूरी की और मसूद अजहर व उसके दो साथियों को ले गये। मसूद के साथ मुश्ताक अहमद जरगर और अहमद उमर सईद शेख को छोड़ा गया था। उन्होंने कहा कि मसूद को एक अलग कोठरी में रखा गया था पर उसे किसी तरह की विशेष सुविधा नहीं दी जाती थी। उसे आतंकी की तरह की देखा जाता था।
चचंल सिंह कहते हैं, मैं रोज सुबह बैरकों का चक्कर लगाता था और मसूद की बैरक में भी जाता था। उनके अनुसार वो ज्यादा समय नमाज में गुजारता। मसूद ने करीब पांच वर्ष कोट भलवाल जेल में काटे। उन्होंने इस बात का खुलासा भी किया कि उस दौरान कुछ अधिकारी उसे मसूद साहब भी कहते थे।
कंधार हाईजैक
मसूद को जनवरी 1994 में पकड़ा गया था। दिसंबर 1999 में आतंकवादियों ने इंडियन एयरलाइंस का जहाज हाईजैक कर लिया और उसे कंधार ले गये। उन्होंने मसूद की रिहाई की मांग रखी और भारत सरकार को उसे छोडऩा पड़ा। मसूद जैश का सर्वेसर्वा है। पुलवामा में हमला भी जैश के आतंकी ने किया था जिसमें सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गये थे।