Edited By Yaspal,Updated: 21 Dec, 2020 06:11 PM
कर्नाटक की राजनीति में एक बार फिर हलचल तेज हो गई है। कहा जा रहा है कि राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी और उनकी पार्टी जनता दल सेक्युलर (JDS) के विधायकों की निगाहें इन दिनों बीजेपी पर टिकी हैं। दरअसल, राज्य में पिछले दिनों दो...
नेशनल डेस्कः कर्नाटक की राजनीति में एक बार फिर हलचल तेज हो गई है। कहा जा रहा है कि राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी और उनकी पार्टी जनता दल सेक्युलर (JDS) के विधायकों की निगाहें इन दिनों बीजेपी पर टिकी हैं। दरअसल, राज्य में पिछले दिनों दो ताजा घटनाक्रम के चलते राजनीतिक तस्वीर बदलती दिख रही है। हाल ही में किसान आंदोलन के चलते भारत बंद बुलाया गया था। कर्नाटक में कुमारस्वामी ने पहले बंद का समर्थन किया और फिर एक दिन बाद यू-टर्न ले लिया। इतना ही नहीं पिछले दिनों कर्नाटक विधानसभा में कृषि कानूनों में संसोधन को लेकर एक बिल पास किया गया था। इस बिल का भी जेडीएस ने समर्थन का था। जेडीएस के इन दो कदमों से लोग हैरान हैं।
कुमारस्वामी को राजनीति में लोग यू-टर्न लेने के लिए जानते हैं। कहा जा रहा है कि अब वो बीजेपी के करीब जा रहे हैं। वो पूर्व सीएम और कांग्रेस के नेता सिद्धारमैया पर लगातार हमले कर रहे हैं। पिछले साल JDS-कांग्रेस की सरकार गिरने को लेकर उन्होंने सिद्धारमैया को जिम्मेदार ठहराया था। इस बीच सिद्धारमैया ने कहा है कि गौड़ा के बेटे लीडर नहीं डीलर हैं। ज्यादातर JDS के नेता चुप हैं। कोई प्रतिक्रिया नहीं दे रहे हैं। पूर्व प्रधानमंत्री देवेगौड़ा भी चुप हैं।
कौन किधर जा सकते हैं?
सूत्रों के मुताबिक करीब एक दर्जन JDS के नेता बीजेपी के संपर्क में हैं। अपनी पार्टी के रुख से ये सब नाराज हैं। पूर्व मंत्री और सीनियर विधायक एसआर श्रीनिवास भी राज्य में कांग्रेस के प्रमुख डी शिवकुमार के संपर्क में हैं। सूत्रों का दावा है कि जेडीएस के अध्यक्ष और 6 बार के विधायक कुमारस्वामी भी बीजेपी के पाले में जाने की तैयारी में हैं। 224 सदस्यों वाले सदन में जेडीएस के करीब 34 विधायक हैं। जेडीएस के एक नेता ने कहा, "जेडीएस का समर्थन आधार तेजी से खत्म हो रहा है। अभी भविष्य अंधकारमय नजर आ रहा है। कई लोग इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं कि बच्चे पार्टी नहीं चला पाएंगे। देवेगौड़ा पहले से 87 वर्ष के हैं और सक्रिय नहीं हैं।