Edited By Seema Sharma,Updated: 28 Jan, 2020 11:47 AM
चीन के खतरनाक और जानलेवा कोरोना वायरस से पूरी दुनिया में हड़कंप मचा हुआ है। अभी तक इस वायरस का कोई तोड़ नहीं निकला और न ही इसकी कोई दवा अभी बनी है। वहीं यह वायरस नया नहीं है इसका लंबा-चौड़ा खानदान है। कोरोना वायरस असल में अपने लंबे चौड़े खानदान का...
नेशनल डेस्कः चीन के खतरनाक और जानलेवा कोरोना वायरस से पूरी दुनिया में हड़कंप मचा हुआ है। अभी तक इस वायरस का कोई तोड़ नहीं निकला और न ही इसकी कोई दवा अभी बनी है। वहीं यह वायरस नया नहीं है इसका लंबा-चौड़ा खानदान है। कोरोना वायरस असल में अपने लंबे चौड़े खानदान का नया सदस्य है और इंसानों के लिए ज्यादा घातक है। वैज्ञानिकों ने केरोना वायरस के खानदान को चार कुलों में बांटा है। यह इंसान, पशु, पक्षियों और सेरिसृप सबको प्रभावित करते हैं।
4 जेनर हैं
अल्फा वायरस
फेलाइन कोरोना वायरस: यह बिल्लियों में पाया जाता है। हर छह में से चार बिल्लियां इससे पीड़ित होती हैं। मगर यह इंसानों में नहीं फैलता।
कैनाइन कोरोनावायरस: इसकी वजह से दुनिया में सबसे ज्यादा कुत्ते बीमार पड़ते हैं। 1971 में जर्मनी में यह कुत्तों में महामारी की तरह फैला था। यह इंसानों में नहीं आता।
गामा वायरस
यह मुर्गियों और चूजों में फैलता है। इसे एवियन इन्फेक्शियस ब्रोंकाइटस वाइरस (आईबीवी) के नाम से भी जाना जाता है। इसके असर से मुर्गियों के अंडे देने की क्षमता प्रभावित होती है।
डेल्टा वायरस
यह कोरोना वायरस सूअरों को संक्रमित करता है। इसकी वजह से उनमें डायरिया होता है। यह उनकी आंतों में जाकर गट को संक्रमित कर देता है।
बीटा वायरस
कोरोना वायरस का यह एक बड़ा समूह है और इंसानों को सबसे ज्यादा प्रभावित करता है। मामूली जुकाम से लेकर चीन में महामारी के रूप में सामने आए वायरल फैमिली से हैं। यह तीन तरह के हैं। एसएआरएस-वायरस चमगादड़ों से इंसान में आया। वर्ष 2002 में यह छह महीने में ही 32 देशों में फैल गया था जिससे 800 मौतें हुई थीं। एमईआरएस (मिडल ईस्ट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम) वायरस ऊंठों से इंसान में आया था। तीसरा वायरस को नोबल केरोना वायरस कहा जाता है। यह वायरस अपने जेनेटिक कोड में दो दर्जन से ज्यादा म्यूटेशन के बाद जानलेवा हो गया है। बता दें कि चीन में अब तक इस वायरस से 106 लोगों की मौत हो गई है और भारत समेत अन्य देशों में भी यह वायरस दस्तक दे चुका है।