कारगिल युद्ध के हीरो की कहानी, 48 पाकिस्तानियों को मारकर फहराया था तिरंगा

Edited By vasudha,Updated: 24 Jul, 2018 12:42 PM

story of kargil war hero

करगिल युद्ध के दौरान 26 जुलाई 1999 को भारतीय सेना ने ''ऑपरेशन विजय'' को सफलतापूर्वक अंजाम दिया था। इस युद्ध में भारत के करीब पांच सौ जवान शहीद हुए थे। इनमें से कई ऐसे भी रहे जिनकी वीर गाधा को आज भी याद किया जाता है...

नेशनल डेस्क: करगिल युद्ध के दौरान 26 जुलाई 1999 को भारतीय सेना ने 'ऑपरेशन विजय' को सफलतापूर्वक अंजाम दिया था। इस युद्ध में भारत के करीब पांच सौ जवान शहीद हुए थे। इनमें से कई ऐसे भी रहे जिनकी वीर गाधा को आज भी याद किया जाता है इसमें से एक हैं रिटायर्ड फौजी दिगेंद्र सिंह। राजस्थान के सीकर के रहने वाले दिगेंद्र ने करगिल वार में पाकिस्तानी फौज का डटकार सामना किया था। 
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जंग हुई तो लडऩे जाऊंगा
युद्ध के दौरान दिगेंद्र को पांच गोलियां लगी थी, फिर भी उन्होंने कुल 48 पाकिस्तानी सैनिकों और घुसपैठियों को मार गिराया था। रिटायर्ड फौजी ने उरी हमले के बाद कहा था कि इस बार युद्ध हुअा तो वह लडऩे के लिए बॉर्डर पर जरूर जाएंगे और 100 काे मारकर अाएंगे। उनका कहना है कि जिस दिन युद्ध की घोषणा होगी, वह बिस्तर उठाकर अपनी बटालियन के पास चले जाएंगे। दिगेंद्र ने कहा कि अगर भारतीय सरकार या उनकी बटालियन आदेश नहीं देगी तो इसके लिए हर संभव कोशिश करेंगे। वे सेना की सबसे बेहतरीन बटालियन 2 राजपूताना रायफल्स में थे। 
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काट दिया था पाक मेजर का सिर 
करगिल युद्ध के दौरान दिगेंद्र ने चाकू से पाकिस्तान के मेजर अनवर का सिर काटकर उसमें तिरंगा फहराया था। दिगेन्द्र के मुताबिक, उनके पास युद्ध का अनुभव है। अगर लड़ने का मौका नहीं मिला तो क्या हुआ साथी फौजियों के लिए किसी काम तो आ सकता हूं। युद्ध के बाद दिगेन्द्र सिंह को राष्ट्रपति डॉक्टर केआर नारायणन ने महावीर चक्र से नवाजा था। दिगेंद्र को इंडियन आर्मी को बेस्ट कोबरा कमांडो के रूप में भी जाना जाता था। 47 साल के दिगेद्र सिंह 2005 में रिटायर हुए थे। 
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