Edited By Tanuja,Updated: 08 Apr, 2019 04:42 PM
रोजगार की तलाश में विदेश जाने वाले भारतीय अक्सर धोखाधड़ी के शिकार होते रहते हैं । कई बार भारतीय लोग नौकरी देने वाली कंपनी की लापरवाही या ठगी की वजह से मुश्किलों में फंस जाते हैं...
दुबईः रोजगार की तलाश में विदेश जाने वाले भारतीय अक्सर धोखाधड़ी के शिकार होते रहते हैं । कई बार भारतीय लोग नौकरी देने वाली कंपनी की लापरवाही या ठगी की वजह से मुश्किलों में फंस जाते हैं। ऐसा ही एक मामला हाल ही में सऊदी अरब में सामने आया था, जहां कार के लिए गए कर्ज के कारण सऊदी अरब में भारतीय प्रवासी को देश छोड़ने से रोक दिया गया था।
अब सामुदायिक कार्यकर्ताओं और जेद्दा में भारतीय वाणिज्य दूतावास के प्रयासों के बाद उसने सऊदी छोड़ दिया है। इन प्रयासों से उसके खिलाफ लगे यात्रा प्रतिबंध हटा लिए गए। खें सऊदी गजट की रिपोर्ट के मुताबिक, केरल के मलप्पुरम के रहने वाले राजन पलाक्कुंडु परामबिल (53) को अनुबंध कंपनी ने नजरान में नियुक्त किया था। सऊदी शहर नजरान की सीमा यमन से लगती है। यमन में शिया हौती मिलिशिया के बार-बार होने वाले मिसाइल हमलों से बहुत से कार्यकर्ताओं के इस्तीफों से कंपनी मुश्किल में फंस गई थी।
राजन ने सऊदी गजट से कहा, 'मेरी मुश्किल को बयान करने के लिए शब्द नहीं है। मैं बीते दो सालों से हर घंटे- हर रोज परेशान रहा हूं क्योंकि मैं घर जाने में समर्थ नहीं था।' राजन के अनुसार, उनके नियोक्ता ने कार्य से जुड़े उद्देश्यों के लिए उसके नाम पर किस्त में कार खरीदी थी। नजरान में एक संक्षिप्त कार्यकाल के बाद राजन एक अन्य नियोक्ता के लिए काम करने जेद्दा चले गए।
जब राजन ने घर लौटने का फैसला किया तो उन्हें पता चला कि उन्हें यात्रा प्रतिबंध के तहत रखा गया है और कार की राशि का निपटान किए बगैर सऊदी अरब छोड़ने की इजाजत नहीं है। इस अवधि में उनका निवास वीजा भी समाप्त हो गया। भारतीय वाणिज्यिक दूतावास की मदद से जेद्दा में केरल समुदाय के लोगों ने उन्हें जमानत दिलाने में मदद की, जिन्होंने कार डीलर से नरमी बरतने के लिए बातचीत की। इसके बाद डीलर कम धन लेने पर सहमत हो गया।