महाराष्ट्र में COVID-19 की दवा लेने पर कड़े नियम, आधार कार्ड और टेस्ट रिपोर्ट दिखाना जरूरी

Edited By Seema Sharma,Updated: 12 Jul, 2020 10:45 AM

strict rules on taking covid 19 medicine in maharashtra

देश में कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित महाराष्ट्र और दिल्ली रहे हैं। महाराष्ट्र में तो ऐसे हालात हो गए हैं कि कोरोना वायरस रोगियों के लिए निर्धारित प्रमुख दवाओं की कमी पड़ गई है। दवाओं की कालाबाजारी की शिकायतों के बीच राज्य सरकार ने इन दवाओं की खरीद...

नेशनल डेस्कः देश में कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित महाराष्ट्र और दिल्ली रहे हैं। महाराष्ट्र में तो ऐसे हालात हो गए हैं कि कोरोना वायरस रोगियों के लिए निर्धारित प्रमुख दवाओं की कमी पड़ गई है। दवाओं की कालाबाजारी की शिकायतों के बीच राज्य सरकार ने इन दवाओं की खरीद के लिए नियम कड़े कर दिए हैं। नए नियम के मुताबिक अब कोरोना से जुड़ी दवा खरीदने के लिए आधार कार्ड, COVID-19 परीक्षण प्रमाण पत्र, डॉक्टर की पर्चेी और फोन नंबर देने पर ही दवा दी जाएगी। खाद्य एवं औषधि प्रशासन मंत्री राजेंद्र शिंगने ने दावा किया है कि सरकार के पास पर्याप्त मात्रा में दवाएं उपलब्ध हैं। उन्होंने कहा कि पिछले दो-तीन दिनों से शिकायत आ रही हैं कि दवाओं की कालाबाजारी की जा रही है।

 

शिंगने ने कहा कि हम दवा की कालाबाजारी के खिलाफ हैं इसलिए सरकार ने इसके लिए कड़े नियम बनाए हैं। उन्होंने कहा कि अगर कोई भी दुकानदार दवा के ज्यादा पैसे ले रहा है तो इसकी शिकायत सरकारी हेल्पलाइन नंबर पर कर सकते हैं, सरकार तुरंत कार्रवाई करेगी। बता दें कि कोरोना के इलाज में कारगर बताई जा रही दवा गिलियड का रेमेडिविर सिप्ला ब्रांड के सिप्रेमी नाम पर, हेटेरो द्वारा कोविफोर और माइलान द्वारा डेसर्टम के नाम पर बेची जाने वाली दवा का दाम बाजार में 4,000 और 5,400 रुपए के बीच होता है।

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