LoC से लेकर LAC तक दिया कड़ा जवाब, राष्ट्रपति मुर्मू ने चीन-पाकिस्तान को दिखाया आईना

Edited By Yaspal,Updated: 31 Jan, 2023 06:22 PM

strong reply from loc to lac president murmu showed mirror to china pakistan

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंगलवार को कहा कि सरकार का स्पष्ट मानना है कि स्थायी शांति तभी संभव है, जब हम राजनीतिक और रणनीतिक रूप से सशक्त होंगे एवं इसीलिए देश अपनी सैन्य शक्ति के आधुनिकीकरण पर निरंतर बल दे रहा है

नेशनल डेस्कः राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंगलवार को कहा कि सरकार का स्पष्ट मानना है कि स्थायी शांति तभी संभव है, जब हम राजनीतिक और रणनीतिक रूप से सशक्त होंगे एवं इसीलिए देश अपनी सैन्य शक्ति के आधुनिकीकरण पर निरंतर बल दे रहा है। राष्ट्रपति ने बजट सत्र के पहले दिन ऐतिहासिक केंद्रीय कक्ष में संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए अपने पारंपरिक अभिभाषण में यह बात कही। उनकी यह टिप्पणी पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ भारत के सीमा विवाद और जम्मू-कश्मीर में सीमा पार से पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद की चुनौतियों के बीच आई है। किसी देश का नाम लिए बिना राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि नियंत्रण रेखा (एलओसी) से लेकर वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) तक हर दुस्साहस का कड़ा जवाब दिया गया है।

राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘मेरी सरकार ने देशहित को सदैव सर्वोपरि रखा, नीति-रणनीति में संपूर्ण परिवर्तन की इच्छाशक्ति दिखाई। सर्जिकल स्ट्राइक से लेकर आतंकवाद पर कठोर प्रहार तक, एलओसी से लेकर एलएसी तक हर दुस्साहस के कड़े जवाब तक, अनुच्छेद 370 को हटाने से लेकर तीन तलाक तक, मेरी सरकार की पहचान एक निर्णायक सरकार की रही है।'' भारत ने सितंबर 2016 में, पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकवादी शिविरों को निशाना बनाते हुए सर्जिकल स्ट्राइक की थी। पिछले दिनों, कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने सर्जिकल स्ट्राइक पर सवाल करते हुए विवादित टिप्पणी की थी। हालांकि, पार्टी नेता राहुल गांधी ने उनकी टिप्पणियों को "हास्यास्पद" बताया था।

राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा की दृष्टि से भी सीमावर्ती क्षेत्रों में अभूतपूर्व बुनियादी ढांचा बीते सालों में तैयार किया गया है। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ दशकों से राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बहुत बड़ा खतरा बन चुकी वामपंथी हिंसा भी अब कुछ जिलों तक ही सीमित रह गई है। उन्होंने कहा, ‘‘मेरी सरकार का साफ मानना है कि स्थाई शांति तभी संभव है, जब हम राजनीतिक और रणनीतिक रूप से सशक्त होंगे। इसीलिए अपनी सैन्य शक्ति के आधुनिकीकरण पर हम निरंतर बल दे रहे हैं।''

राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘मेरी सरकार की नई पहल के परिणामस्वरूप हमारा रक्षा निर्यात छह गुना हो गया है।'' उन्होंने पहले स्वदेशी विमानवाहक युद्धपोत आईएनएस विक्रांत को सेना में शामिल किए जाने का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘ आज के युग में हमारी सेनाओं का भी युवाशक्ति के संदर्भ में समृद्ध होना, युद्धशक्ति में निपुण होना, टेक्नोलॉजी के पावर से लैस रहना, बहुत अहम है। इन सिद्धांतों को ध्यान में रखते हुए अग्निवीर योजना शुरू की गई है। इससे देश की युवाशक्ति को सेनाओं के माध्यम से राष्ट्र की सेवा का अधिकतम अवसर मिलेगा।''

राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि भारतीय सेना के परमवीर चक्र विजेताओं के नाम पर अंडमान निकोबार के 21 द्वीपों का नामकरण भी किया गया है। उन्होंने कहा कि एक तरफ राष्ट्रीय समर स्मारक आज राष्ट्रीय शौर्य का प्रतीक बन गया है, वहीं नौसेना को भी छत्रपति वीर शिवाजी महाराज का दिया प्रतीक चिह्न मिला है। उन्होंने कहा, ‘‘पूर्वोत्तर और जम्मू कश्मीर में तो दुर्गम परिस्थितियों के साथ-साथ अशांति और आतंकवाद भी विकास के सामने बहुत बड़ी चुनौती थी। मेरी सरकार ने स्थायी शांति के लिए अनेक सफल कदम उठाए हैं और भौगोलिक चुनौतियों को भी चुनौती दी है।'' उन्होंने कहा कि इसी का परिणाम है कि पूर्वोत्तर और हमारे सीमावर्ती क्षेत्र, विकास की एक नई गति का अनुभव कर रहे हैं।

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