Edited By Anu Malhotra,Updated: 20 Sep, 2024 02:43 PM
आज की युवा पीढ़ी का एक ही सपना है बाहर विदेश जाकर पढ़ना और सेटव होना खास तौर पर पंजाब जैसे राज्य में युवाओं में यह क्रेज सिर चढ़ कर बोल रहा है। हर साल लाखों भारतीय छात्र IELTS परीक्षा पास करके विदेशों में पढ़ाई करने जाते हैं, जिसमें कनाडा और...
नेशनल डेस्क: आज की युवा पीढ़ी का एक ही सपना है बाहर विदेश जाकर पढ़ना और सेटव होना खास तौर पर पंजाब जैसे राज्य में युवाओं में यह क्रेज सिर चढ़ कर बोल रहा है। हर साल लाखों भारतीय छात्र IELTS परीक्षा पास करके विदेशों में पढ़ाई करने जाते हैं, जिसमें कनाडा और ऑस्ट्रेलिया सबसे लोकप्रिय विकल्प बन गए हैं। खासकर कनाडा में, जहां भारतीय छात्र कॉलेजों में दाखिला लेने के साथ-साथ काम भी शुरू कर देते हैं। लेकिन कनाडा में भारतीयों के कामकाजी जीवन की सच्चाई अब धीरे-धीरे सामने आ रही है।
हाल ही में, एक भारतीय युवक ने कनाडा में भारतीय कामकाजी पेशेवरों की स्थिति को लेकर कई खुलासे किए। एक रिपोर्ट के अनुसार, यह युवक पहले Google इंडिया में काम कर चुका है और अब कनाडा में एक प्रोसेस इन्वेंट्री एसोसिएट के रूप में काम कर रहा है। उसने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि कनाडा में भारतीय कामकाजी अनुभव को उतनी अहमियत नहीं दी जाती, जितनी उम्मीद की जाती है।
भारतीय अनुभव को कम करके आंका जाता है
वीडियो में युवक ने बताया कि उसने Google इंडिया में तीन साल से अधिक काम किया, लेकिन कनाडा में नौकरी पाने के लिए उसे अपने अनुभव को कम करके दिखाना पड़ा। उसने कहा, "कनाडाई कंपनियां भारत में मेरे काम के अनुभव को नहीं गिन रही हैं। यहां की कंपनियों को भारतीय उम्मीदवारों के बजाय कनाडाई उम्मीदवारों की तलाश है।"
कम वेतन, high cost of living
इस भारतीय युवक ने कनाडा में अपने मौजूदा वेतन से असंतोष व्यक्त किया। वह सालाना 17,500 डॉलर कमा रहा है, जो कनाडा जैसे महंगे देश में जीवन यापन के लिए पर्याप्त नहीं है। उसने कहा, "इतनी कम आय में कनाडा में रहना बहुत मुश्किल हो जाता है, घर-परिवार को पैसे भेजने की तो बात ही छोड़ दें।"
भारत-कनाडा संबंधों में तनाव
कनाडा में भारतीय पेशेवरों के सामने चुनौतियां केवल आर्थिक नहीं हैं। हाल के समय में, भारत और कनाडा के बीच कूटनीतिक संबंधों में भी तनाव बढ़ा है। पिछले साल खालिस्तान समर्थक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या और इस मामले में विदेशी हस्तक्षेप के आरोप के बाद, कनाडा में भारत के प्रति जनता की राय में गिरावट आई है। एंगस रीड इंस्टीट्यूट के सर्वे के अनुसार, मार्च 2023 के बाद से केवल 33% कनाडाई भारत को सकारात्मक नजर से देखते हैं, जबकि 54% की राय में भारत की छवि नकारात्मक है।