Edited By vasudha,Updated: 31 Aug, 2020 03:15 PM
भारत और चीन के बीच एक बार फिर हुई झड़प को लेकर जहां सीमा पर स्थिती तनावपूर्ण बन गई है तो वहीं दूसरी तरफ इस मुद्दे को लेकर देश की राजनीति भी गरमा गई है। मोदी सरकार विपक्ष के साथ साथ अपनों के भी निशाने पर आ गई है, जिसमें सबसे पहला नाम है सुब्रमण्यम...
नेशनल डेस्क: भारत और चीन के बीच एक बार फिर हुई झड़प को लेकर जहां सीमा पर स्थिती तनावपूर्ण बन गई है तो वहीं दूसरी तरफ इस मुद्दे को लेकर देश की राजनीति भी गरमा गई है। मोदी सरकार विपक्ष के साथ साथ अपनों के भी निशाने पर आ गई है, जिसमें सबसे पहला नाम है सुब्रमण्यम स्वामी का।
भारतीय जनता पार्टी के राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने अपनी ही पार्टी को सवालों के कटघरे में खड़ा कर दिया है। स्वामी ने सोमवार को ट्वीट कर लिखा कि चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से तमाम मुलाकात के बाद भी चीनी भारतीय नेताओं की कदर नहीं करते हैं। उन्होंने कहा कि चीन ने भारत के लिए फैसला कर लिया है, दुख है कि सरकार को इसका एहसास नहीं है।
स्वामी ने आगे लिखा कि हमें चीन को लेकर फैसला करना चाहिए, कठोर बनिए, मैं फिर कहता हूं, कठोर बनिए और टेबल पर मत बैठिए। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच हुई मुलाकात पर भी तंज कसते हुए लिखा कि 5 साल में शी जिनपिंग के साथ 18 बार बैठने के बाद चीनी भारतीय नेताओं की कोई कदर नहीं करता।