Edited By shukdev,Updated: 06 Jan, 2019 11:30 PM
सबरीमला मंदिर में रजस्वला आयु वर्ग की दो महिलाओं के प्रवेश के बाद भाजपा-आरएसएस और सत्तारूढ़ माकपा के कार्यकर्ताओं की संलिप्तता वाली व्यापक हिंसा चार दिनों तक जारी रहने के बाद रविवार को केरल में करीब - करीब शांतिपूर्ण माहौल रहा। वहीं, हिंसा के मामलों...
तिरुवनंतपुरम: सबरीमला मंदिर में रजस्वला आयु वर्ग की दो महिलाओं के प्रवेश के बाद भाजपा-आरएसएस और सत्तारूढ़ माकपा के कार्यकर्ताओं की संलिप्तता वाली व्यापक हिंसा चार दिनों तक जारी रहने के बाद रविवार को केरल में करीब - करीब शांतिपूर्ण माहौल रहा। वहीं, हिंसा के मामलों में अब तक 1869 केस दर्ज किए जा चुके हैं जबकि 5769 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
मुख्यमंत्री पी. विजयन ने कहा कि हर आयु वर्ग की महिलाओं को सबरीमला मंदिर में पूजा-अर्चना करने की इजाजत देने के उच्चतम न्यायालय के आदेश को लागू कराना राज्य सरकार की संवैधानिक जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि वह सबरीमला हिंसा के ‘संवैधानिक परिणामों’ की धमकियों से डरकर घुटने नहीं टेकने वाले। विजयन ने फेसबुक पर एक पोस्ट लिखकर भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व से कहा कि वह केरल में अपने कार्यकर्ताओं से कहे कि वे हिंसा करना बंद करें।
मुख्यमंत्री ने यह पोस्ट ऐसे समय में लिखा जब भाजपा नेता एवं केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने आरोप लगाया कि माकपा नीत एलडीएफ सरकार शासन के खिलाफ अपनी आवाज उठाने वाले भाजपा कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर रही है। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता जीवीएल नरसिम्हा राव ने शनिवार को राज्य सरकार को चेतावनी दी थी कि उसे ‘संवैधानिक परिणाम’ भुगतने होंगे। विजयन ने यह आरोप भी लगाया कि संघ परिवार केरल में वही तौर-तरीके लागू करने की कोशिश कर रहा है जिसकी कोशिश उसने उत्तर भारत में की।
उन्होंने कहा,‘संघ परिवार वही तौर-तरीके लागू करने की कोशिश कर रहा है जो उसने उत्तर भारत में किया। केरल में यह सफल नहीं होने वाला। राज्य हिंसा और सांप्रदायिक दंगे कराने की कोशिशों से सख्ती से निपटेगा।’ केरल के डीजीपी लोकनाथ बेहेरा ने एक बयान जारी कर कहा कि हिंसा के सिलसिले में अब तक 1869 केस दर्ज किए जा चुके हैं और 5769 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। कम से कम 4980 लोगों को जमानत मिल चुकी है।
इस बीच, नायर समुदाय के संगठन नायर सर्विस सोसाइटी (एनएसएस) ने सबरीमला मंदिर में युवतियों के प्रवेश के मुद्दे पर राज्य सरकार पर हमला बोला और कहा कि वह लोगों पर नास्तिकता थोपने की योजनाबद्ध कोशिश कर रही है। बहरहाल, राज्य सरकार के कुछ मंत्रियों ने एनएसएस पर पलटवार करते हुए कहा कि वह आरएसएस के एजेंडा की बातें कह रहा है।