Edited By ,Updated: 15 Mar, 2016 06:59 PM
उच्चतम न्यायालय ने आज भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी से उस याचिका में संशोधन के लिए कहा जिसमें जेट एयरवेज और अबुधाबी ...
नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने आज भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी से उस याचिका में संशोधन के लिए कहा जिसमें जेट एयरवेज और अबुधाबी स्थित इतिहाद एयरवेज के बीच समझौते को निरस्त करने की मांग की गई थी। इस याचिका के जरिए भारत और संयुक्त अरब अमीरात के बीच उड़ानों की संख्या बढाने के लिए हुए द्विपक्षीय समझौते को भी चुनौती दी गई थी।
प्रधान न्यायाधीश टीएस ठाकुर और न्यायमूर्ति यूयू ललित की पीठ ने स्वामी से अन्य एयरलाइंस को पक्षकार बनाने के लिए भी कहा क्योंकि अगर अदालत जेट इतिहाद समझौते के पक्ष में या इसके खिलाफ फैसला सुनाती है तो अन्य एयरलाइंस भी इससे प्रभावित हो सकती हैं।
स्वामी ने बाद में कहा कि वह ‘फेडरेशन आफ इंडियन एयरलाइंस’, एयर इंडिया, इंडिगो और स्पाइसजेट को इस मामले में पक्षकार बनाएंगे। संक्षिप्त सुनवाई के दौरान, केन्द्र की आेर से पेश अतिरिक्त सालिसिटर जनरल पीएस नरसिंह ने समझौते का बचाव करते हुए कहा कि दोनों संप्रभु राष्ट्रों के बीच समझौता अंतरराष्ट्रीय संधि है और इसे इस तरह से चुनौती नहीं दी जा सकती। पीठ ने पूछा, ‘‘यह समझौता संधि कैसे बन सकता है?’’
पीठ ने कहा कि केन्द्र ने पूरे रिकार्ड दायर नहीं किये हैं और ‘‘आपने (केन्द्र) सारी चीजें दायर नहीं की हैं। आपने हमें हैरान कर दिया।’’ अदालत ने इस मामले में आगे की सुनवाई के लिए 19 जुलाई की तारीख तय की। स्वामी ने अपनी याचिका में समझौते को इस आधार पर निरस्त करने की मांग की कि यह जनहित के विरूद्ध है। उनका कहना है कि भारत और यूएई के बीच सीटों के बंटवारे के समझौते से भारतीय हितों पर प्रतिकूल असर पड़ेगा।