Edited By Seema Sharma,Updated: 14 Oct, 2020 11:37 AM
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने शुक्रवार यानि कि 9 अक्तूबर को नई पीढ़ी की एंटी रेडिएशन मिसाइल रुद्रम (Anti Radiation Missile Rudram) का सफल परीक्षण किया। मिसाइल का परीक्षण सुखोई-30 एमकेआई फाइटर एयरक्राफ्ट से किया गया है। DRDO द्वारा विकसित...
नेशनल डेस्कः रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने शुक्रवार यानि कि 9 अक्तूबर को नई पीढ़ी की एंटी रेडिएशन मिसाइल रुद्रम (Anti Radiation Missile Rudram) का सफल परीक्षण किया। मिसाइल का परीक्षण सुखोई-30 एमकेआई फाइटर एयरक्राफ्ट से किया गया है। DRDO द्वारा विकसित मिसाइल रुद्रम देश की पहली स्वदेशी एंटी रेडिएशन मिसाइल है। इसे खास तौर पर भारतीय वायुसेना के लिए बनाया गया है। DRDO ने रुद्रम मिसाइल का सफल परीक्षण ओडिशा के तटीय क्षेत्र में किया। भारत में विकसित यह पहली मिसाइल है जिसे कितनी भी ऊंचाई से दागा जा सकता है।
मिसाइल में किसी भी तरह के सिग्नल और रेडिएशन का पता लगाने की क्षमता है और यह पूरी सटीकता के साथ अपने लक्ष्य को निशाना बना सकती है। इस मिसाइल के बारे में बुधवार को बात करते हुए DRDO प्रमुख जी सतीश रेड्डी ने कहा कि इससे वायुसेना और सशक्त होगी। DRDO चीफ ने कहा कि विमान से एंटी रेडिएशन मिसाइल का सफल टेस्ट किया गया, जब इसे लॉन्च किया जाता है तो यह हवा में कोई भी विकिरण तत्व खोज लेती है, इसके बाद उस पर हमला करके उसे पूरी तरह से नष्ट कर देती है।
सतीश रेड्डी ने कहा कि हमें इसके कुछ और टेस्ट करने हैं, एक बार जब यह टेस्ट पूरे हो जाएंगे तो यह वायुसेना में शामिल होकर उसे और सशक्त करेगी। उन्होंने कहा कि यह दुश्मन को धूल चटा देगी। बता दें कि नई पीढ़ी की यह एंटी रेडिएशन मिसाइल लंबी दूरी से विविध प्रकार के शत्रु रडारों, वायु रक्षा प्रणालियों और संचार नेटवर्कों को तबाह कर सकती है। इस मिसाइल का उड़ान परीक्षण ऐसे समय में हुआ है जब भारत का पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ सीमा विवाद चल रहा है।