देश की पहली वंदे मेट्रो का सफल परीक्षण, 145 किमी की रफ्तार से दौड़ी ट्रेन, कई बेहतरीन सुविधाओं से है लैस

Edited By Pardeep,Updated: 08 Oct, 2024 11:30 PM

successful test of country s first vande metro train ran at a speed of 145 km

पंजाब के कपूरथला सथित रेल डिब्बा कारखाना (आरसीएफ) ने आठ महीने की छोटी सी अवधि में उन्नत तकनीक वाली वंदे मेट्रो ट्रेन सेट का निर्माण करके एक और मील का पत्थर स्थापित किया है।

नेशनल डेस्कः पंजाब के कपूरथला सथित रेल डिब्बा कारखाना (आरसीएफ) ने आठ महीने की छोटी सी अवधि में उन्नत तकनीक वाली वंदे मेट्रो ट्रेन सेट का निर्माण करके एक और मील का पत्थर स्थापित किया है। 

आरसीएफ द्वारा मंगलवार को यहां जारी विज्ञप्ति में बताया गया है कि भारतीय रेलवे के अनुसंधान डिजाइन और मानक संगठन (आरडीएसओ) टीम द्वारा विभिन्न परीक्षण किए जाने के लिए इस ट्रेन सेट को रेडिका कपूरथला से 30 सितंबर 24 को रवाना किया गया था। पश्चिमी मध्य रेलवे के कोटा मंडल में शनिवार को किए गए स्पीड एवं ब्रेकिंग डिस्टेंस ट्रायल के दौरान इस ट्रेन ने 145 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से लगभग 50 किलोमीटर की दूरी सफलतापूर्वक तय की। 

आरसीएफ द्वारा निर्मित वंदे मेट्रो ट्रेन सेट के डिब्बों में 100 व्यक्तियों के बैठने की और 180 व्यक्तियों के खड़े होने की क्षमता है। यह ट्रेन सेट अत्याधुनिक संरक्षा उपकरणों और कई नई यात्री सुविधाओं जैसे आपात स्थिति में यात्री-चालक टॉकबैक सिस्टम, आग और धुआं पहचान प्रणाली, टकराव से बचाव के लिए ‘‘कवच'' प्रणाली तथा दिव्यांगजनों के लिए विशेष शौचालय से लैस है। 

भुज-अहमदाबाद के बीच वर्तमान में चल रही वंदे मेट्रो ट्रेन में 12 कोच हैं और इसकी गति 110 किलोमीटर प्रति घंटे है। इसकी यात्री क्षमता 3602 है। इसके विपरीत, आरसीएफ द्वारा निर्मित नई वंदे मेट्रो में कोचों की संख्या (16) और 4364 व्यक्तियों के बैठने की क्षमता होगी तथा इसकी गति 130 किमी प्रति घंटा होगी। 

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