Edited By Yaspal,Updated: 12 Sep, 2020 05:30 PM
भारत बायोटेक ने अपनी कोरोना वैक्सीन ‘कोवैक्सीन'' का बंदरों पर किए गये परीक्षण को सफल बताते हुए कहा है कि इससे बंदरों के शरीर में वायरस के खिलाफ एंडीबॉडीज बनी हैं। भारत बायोटेक ने बताया है कि उसे मकाउ प्रजाति के 20 बंदरों पर कोवैक्सीन का परीक्षण किया...
नई दिल्लीः भारत बायोटेक ने अपनी कोरोना वैक्सीन ‘कोवैक्सीन' का बंदरों पर किए गये परीक्षण को सफल बताते हुए कहा है कि इससे बंदरों के शरीर में वायरस के खिलाफ एंडीबॉडीज बनी हैं। भारत बायोटेक ने बताया है कि उसे मकाउ प्रजाति के 20 बंदरों पर कोवैक्सीन का परीक्षण किया था। बंदरों को चार अलग-अलग समूह में विभाजित करके एक समूह को प्लेसिबो और तीन समूह को अगल-अलग तरह की तीन वैक्सीन दी गईं।
वैक्सीन का पहला डोज देने के 14वें दिन दूसरा डोज दिया गया। दूसरा डोज देने के 14 दिन बाद सभी बंदर कोरोना वायरस कोविड-19 से एक्सपोज हुए। जिन बंदरों को वैक्सीन दी गई उनमें निमोनिया के लक्षण नहीं पाये गए जबकि प्लेसिबो दिए जाने वाले समूह के बंदरों में निमोनिया के लक्षण पाए गए।
परीक्षण में पाया गया कि बंदरों में कोविड-19 के खिलाफ एंटीबॉडीज बनी है और उनकी नाक तथा फेफडों में वायरस का प्रसार घट गया है। किसी भी बंदर में वैक्सीन का कोई दुष्प्रभाव नहीं देखा गया। भारत बायोटेक यह वैक्सीन भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के साथ मिलकर विकसित कर रही है। कोवैक्सीन का दूसरे चरण का मानव परीक्षण देश के विभिन्न हिस्सों में चल रहा है।