Edited By Punjab Kesari,Updated: 05 Mar, 2018 04:45 PM
सुप्रीम कोर्ट ने दायर जनहित याचिका के संबंध में चुनाव आयोग से जवाब मांगा है। कोर्ट ने आयोग से पूछा है कि वोटों की गिनती करने वाली प्रणाली से डाटा लीक होने या हैक होने की आशंका तो नहीं है। अदालत से यूनियन ऑफ इंडिया ने कहा है कि वह चुनाव में मजबूती...
नेशनल डेस्कः सुप्रीम कोर्ट ने वोटों की गिनती के संबंध में दायर जनहित याचिका पर चुनाव आयोग से जवाब मांगा है। कोर्ट ने आयोग से पूछा है कि वोटों की गिनती करने वाली प्रणाली से डाटा लीक होने या हैक होने की आशंका तो नहीं है। अदालत से यूनियन ऑफ इंडिया ने कहा है कि वह चुनाव में मजबूती प्रदान करने की बात से पूरी तरह सहमत है। उन्होंने कहा कि टोटलाइजर के इस्तेमाल को लेकर कई तरह की आशंकाए हैं और टोटलाइजर क्या होता है।
दरअसल, टोटलाइजर के जरिए किसी भी चुनाव क्षेत्र की इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन के सभी मतों को मिला दिया जाता है। इससे काउंटिंग के वक्त पता लगाना मुश्किल हो जाता है कि किस बूथ पर किस पार्टी को कितने वोट मिले। बता दें कि ऐसा इससे पहले भी होता रहा है, जब देश में बैलेट पेपर के जरिए चुनाव होते थे। लेकिन ईवीएम का प्रयोग होने के बाद टोटलाइजर मशीन के इस्तेमाल का प्रस्ताव आया था।
यूपीए के वक्त दिया था सुझाव
सुप्रीम कोर्ट में वर्ष 2014 में एक जनहित याचिका दायर की गई थी। जिसमें पोल पैनल को एक संसदीय क्षेत्र के मतों को मिलाने के आदेश दिए गए थे, जिससे कि चुनाव में खड़े होने वाले उम्मीदवार द्वारा क्षेत्र के लोगों को धमकाने से रोका जा सके। चुनाव आयोग ने यूपीए को वर्ष 2008 में टोटलाइजर प्रणाली अपनाने का प्रस्ताव दिया था।