Edited By vasudha,Updated: 18 Jun, 2020 03:04 PM
उच्चतम न्यायालय ने वीरवार को देश में कोविड-19 की वजह से ओडिशा के पुरी में निकलने वाली रथयात्रा पर रोक लाग दी है। कोर्ट में याचिकाएं दायर कर आग्रह किया गया था कि महामारी को देखते हुए रथयात्रा को या तो रद्द या स्थगित किया जाना चाहिए...
नेशनल डेस्क: उच्चतम न्यायालय ने कोविड-19 महामारी के मद्देनजर इस साल पुरी में 23 जून से आयोजित होने वाली ऐतिहासिक जगन्नाथ रथ यात्रा और इससे संबंधित गतिविधियों पर वीरवार बृहस्पतिवार को रोक लगा दी। प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी और न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना की पीठ ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से मामले की सुनवाई करते हुये कहा कि सार्वजनिक स्वास्थ्य और नागरिकों की सुरक्षा के हित को ध्यान में रखते हुये इस साल पुरी में रथ यात्रा की अनुमति नहीं दी जा सकती।
प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि अगर हम इस साल रथ यात्रा आयोजित होने देते तो भगवान जगन्नाथ हमें माफ नहीं करते क्योंकि महामारी के दौरान इतना बड़ा समागम आयोजित नहीं हो सकता। पीठ ने ओडिशा सरकार से कहा कि वह महामारी के प्रसार से बचने के लिये राज्य में कहीं भी रथ यात्रा या धार्मिक जुलूस और इससे संबंधित गतिविधियों की अनुमति नहीं दे।
शीर्ष अदालत ने ओडिशा स्थित एक गैर सरकारी संगठन की जनहित याचिका पर यह आदेश दिया। याचिका में 10 से 12 दिन चलने वाली रथ यात्रा को इस साल रद्द करने या फिर इसे स्थगित करने का अनुरोध किया था। इस आयोजन में दुनिया भर के लाखों श्रद्धालु हिस्सा लेते हैं।
इससे पहले उच्च न्यायालय ने कहा था कि यह राज्य सरकार पर निर्भर है कि वह धार्मिक कार्यक्रम होने देती है या नहीं, लेकिन यदि वह कार्यक्रम को अनुमति देती है तो उसे कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने से संबंधित सभी दिशा-निर्देशों का पालन करना होगा और साथ ही रथ को व्यक्तियों की जगह मशीन या हाथी जैसे माध्यमों से खींचने पर विचार करना चाहिए। याचिकाओं में कहा गया कि रथयात्रा में लाखों श्रद्धालु शामिल होते हैं और कोविड-19 महामारी के मद्देनजर इसे स्थगित या रद्द किया जाना चाहिए। रथयात्रा शुरू होने का कार्यक्रम 23 जून को है जो 10-12 दिन चलती है। इसके बाद ‘बहुदा यात्रा' (वापसी) का कार्यक्रम एक जुलाई को निर्धारित है।