Edited By Seema Sharma,Updated: 08 Apr, 2020 01:58 PM
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को कोरोना पर दिशा-निर्देश जारी किए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से कहा कि कोरोना टेेस्ट फ्री में होना चाहिए। बुधवार को सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सरकार को एक प्रक्रिया बनानी चाहिए, जिससे जो लोग प्राइवेट लैब...
नेशनल डेस्कः सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को कोरोना पर दिशा-निर्देश जारी किए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से कहा कि कोरोना टेेस्ट फ्री में होना चाहिए। बुधवार को सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सरकार को एक प्रक्रिया बनानी चाहिए, जिससे जो लोग प्राइवेट लैब में अपना टेस्ट कराएं, उनका पैसा रिइम्बर्स किया जा सके। साथ ही कोर्ट ने कहा कि डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ कोरोना के खिलाफ लड़ाई में योद्धा हैं और इसलिए इनकी और इनके परिवार की सुरक्षा बेहद जरूरी है।
सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना की रोकथाम में लगे डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ की सुरक्षा के लिए दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि इनकी सुरक्षा का विशेष ध्यान रखा जाए, साथ ही प्राइवेट लैब को कोरोना की जांच के लिए पैसे लेने की अनुमति नहीं होनी चाहिए। वहीं सरकार की तरफ से कोर्ट में पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बताया कि अभी 118 लैब प्रति दिन 15000 टेस्ट क्षमता के साथ काम कर रही हैं। अब हम 47 प्राइवेट लैब को भी टेस्ट की इजाजत देने वाले हैं, यह एक विकासशील स्थिति है। हमें नहीं पता कि कितने लैब की जरूरत होगी और कब तक लॉकडाउन जारी रहेगा।
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता के इसी बयान पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि प्राइवेट लैब को कोरोना की जांच के लिए पैसे लेने की अनुमति नहीं होनी चाहिए। इस पर सॉलिसिटर जनरल ने का कि इन सभी सुझावों पर सरकार विचार करेगी