Edited By Anil dev,Updated: 23 Apr, 2019 02:17 PM
उच्चतम न्यायायल ने गुजरात सरकार को सामूहिक दुष्कर्म पीड़िता बिलकिस बानो को 50 लाख रुपए देने का आदेश दिया है। यह रकम उन्हें मुआवजे के तौर पर दी जाएगी। अदालत ने सरकार को नियमों के अनुसार बानो को एक सरकारी नौकरी और आवास मुहैया करवाने का भी आदेश दिया है।...
नई दिल्ली: उच्चतम न्यायायल ने गुजरात सरकार को सामूहिक दुष्कर्म पीड़िता बिलकिस बानो को 50 लाख रुपए देने का आदेश दिया है। यह रकम उन्हें मुआवजे के तौर पर दी जाएगी। अदालत ने सरकार को नियमों के अनुसार बानो को एक सरकारी नौकरी और आवास मुहैया करवाने का भी आदेश दिया है।
सरकारी नौकरी का भी दिया गया आदेश
इसके अलावा बिलकिस बानो को सरकारी नौकरी और उनकी पसंद की जगह पर सरकारी आवास मुहैया कराए जाने का आदेश भी सुप्रीम कोर्ट ने दिया है। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने इस मामले की सुनवाई की है।
गुजरात सरकार ने दिया था बिलकिस बानो को मुआवजे का प्रस्ताव
पहले गुजरात सरकार ने बिलकिस बानो को मुआवजे के रूप में 5 लाख रुपए देने का प्रस्ताव दिया था, जिसे उन्होंने ठुकरा दिया। सुप्रीम कोर्ट में आज सीजेआई रंजन गोगोई, जस्टिस दीपक गुप्ता और संजीव खन्ना की बेंच ने मुआवजा राशि 10 गुना बढ़ा दिया।
क्या है मामला
गौरतलब है कि गुजरात में गोधरा ट्रेन अग्निकांड के बाद हुए दंगे के दौरान तीन मार्च, 2002 को दाहोद के पास देवगढ़-बरिया गांव में दंगाई भीड़ ने बिलकिस बानो और उसके परिवार पर हमला कर दिया था। परिवार के आठ लोगों की हत्या कर दी गई थी जिसमें चार महिलाएं और चार बच्चे शामिल थे। जबकि छह सदस्य लापता हो गई थी। इतना ही नहीं, बिलकिस बानों का भी रेप किया गया था।