Edited By Anil dev,Updated: 10 Oct, 2018 12:59 PM
उच्चतम न्यायालय ने पुरी के जगन्नाथ मंदिर में श्रद्धालुओं के लिए कतार लगाकर दर्शन करने की व्यवस्था लागू करने के दौरान तीन अक्टूबर को हुई हिंसा पर संज्ञान लेते हुए बुधवार को कहा कि कोई भी पुलिसकर्मी हथियार लेकर और जूते पहनकर मंदिर में प्रवेश नहीं करे।
नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने पुरी के जगन्नाथ मंदिर में श्रद्धालुओं के लिए कतार लगाकर दर्शन करने की व्यवस्था लागू करने के दौरान तीन अक्टूबर को हुई हिंसा पर संज्ञान लेते हुए बुधवार को कहा कि कोई भी पुलिसकर्मी हथियार लेकर और जूते पहनकर मंदिर में प्रवेश नहीं करे। तीन अक्टूबर को एक सामाजिक-सांस्कृतिक संगठन ने पंक्तिबद्ध दर्शन की व्यवस्था के विरोध में 12 घंटे का बंद रखा था। इस दौरान मंदिर परिसर में हुई हिंसा में नौ पुलिसकर्मी घायल हो गए थे।
जगन्नाथ मंदिर में हुई हिंसा के सिलसिले में किया गया 47 लोगों को गिरफ्तार
मामले पर आज सुनवाई के दौरान ओडिशा सरकार ने न्यायालय को बताया कि पुरी के जगन्नाथ मंदिर में हुई हिंसा के सिलसिले में 47 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और वहां स्थिति नियंत्रण में है। सरकार ने बताया कि जगन्नाथ मंदिर के भीतर कोई हिंसा नहीं हुई थी। मंदिर प्रशासन के कार्यालय पर हमला कर उसमें तोडफ़ोड़ की गई थी। मंदिर के अधिकारी कतार लगाकर दर्शन की व्यवस्था प्रायोगिक आधार पर शुरू की गई है और इसकी समीक्षा की जाएगी क्योंकि स्थानीय लोग और सेवादार इसका विरोध कर रहे हैं।