Edited By ,Updated: 03 Jan, 2017 01:29 PM
उच्चतम न्यायालय ने आज केंद्र सरकार को बैंकों और वित्तीय संस्थानों द्वारा दाखिल बकाया वसूली मामलों की
नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने आज केंद्र सरकार को बैंकों और वित्तीय संस्थानों द्वारा दाखिल बकाया वसूली मामलों की जानकारी देने का निर्देश दिया। न्यायालय ने सरकार से उन मामलों की भी जानकारी मांगी है जो पिछले दस सालों से रिण वसूली न्यायाधिकरणों (डीआरटी) और उनकी अपीलीय इकाइयों में लंबित हैं। मुख्य न्यायाधीश टी. एस. ठाकुर की अध्यक्षता में न्यायालय की एक पीठ ने सरकार से इस प्रश्न का उत्तर भी मांगा है कि क्या वसूली न्यायाधिकरण इस तरह के मामलों पर एक निश्चित समय सीमा में कानून के तहत निर्णय करने की पर्याप्त क्षमता रखते हैं या नहीं?
इससे पहले न्यायालय ने कहा था कि गैर-निष्पादित आस्तियों का आंकड़ा कई लाख करोड़ रपये का है और इसकी वसूली की प्रक्रिया तर्कसंगत नहीं है। इसके अलावा बैंकों और वित्तीय संस्थानों के रिण की वसूली के लिए बनायी गई डीआरटी और रिण वसूली अपलीय न्यायाधिकरण (डीआरएटी) की व्यवस्था खराब हालत में है।