मोदी के खिलाफ जाकिया जाफरी की याचिका पर टली सुनवाई

Edited By Anil dev,Updated: 12 Feb, 2019 11:26 AM

supreme court narendra modi am khanvilkar zakia jafri

उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को कहा कि 2002 के गुजरात दंगों से संबंधित मामले में राज्य के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी को विशेष जांच दल द्वारा क्लीन चिट देने के खिलाफ जकिया जाफरी की याचिका पर जुलाई में सुनवाई की जायेगी।

नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को कहा कि 2002 के गुजरात दंगों से संबंधित मामले में राज्य के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी को विशेष जांच दल द्वारा क्लीन चिट देने के खिलाफ जकिया जाफरी की याचिका पर जुलाई में सुनवाई की जायेगी।  जाकिया कांग्रेस के पूर्व सांसद एहसान जाफरी की पत्नी हैं। उन्होंने सर्वोच्च अदालत को बताया कि मामले में ‘‘सुनवाई के लिये कोई जल्दबाजी नहीं है’’ और इस पर आम चुनावों के बाद जुलाई में सुनवाई हो सकती है। न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि उच्च न्यायालय के पांच अक्टूबर, 2017 के फैसले के खिलाफ जकिया जाफरी की अपील पर जुलाई में सुनवाई होगी। जाकिया जाफरी की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल अदालत में पेश हुए थे।     

पीठ ने कहा, ‘‘याचिकाकर्ता के लिये वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल के अनुरोध पर सुनवाई टाली जाती है। इसे अनुरोध के मुताबिक जुलाई 2019 में एक गैर-विविध (नॉन मिसलेनियस) दिन सूचीबद्ध किया जाए।’’ कार्यवाही की शुरुआत में वरिष्ठ अधिवक्ता सिब्बल ने कहा, ‘‘मामले में सुनवाई की कोई जल्दबाजी नहीं है। इसे किसी भी समय सुना जा सकता है। इसे चुनावों के बाद सुना जाए।’’ पीठ ने कहा कि यह याचिकाकर्ता पर निर्भर करता है। गुजरात दंगों के दौरान अहमदाबाद की गुलबर्ग सोसायटी में उग्र भीड़ के हमले में 28 फरवरी 2002 को मारे गए 68 व्यक्तियों में एहसान जाफरी भी शामिल थे।      

इन दंगों की जांच के लिये गठित विशेष जांच दल ने आठ फरवरी, 2012 को नरेन्द्र मोदी और कई सरकारी अधिकारियों सहित 64 व्यक्तियों को क्लीन चिट देते हुये मामला बंद करने के लिये रिपोर्ट दाखिल की थी। इसमें कहा गया था कि इन सभी के खिलाफ मुकदमा चलाने योग्य साक्ष्य नहीं हैं। जकिया जाफरी ने गुजरात उच्च न्यायालय के पांच अक्टूबर 2017 के उस फैसले को चुनौती देते हुए 2018 में याचिका दायर की थी जिसमें एसआईटी के फैसले के खिलाफ उनकी याचिका को खारिज कर दिया गया था। जाफरी ने पूर्व में याचिका की सुनवाई को टालने के लिये ऐसा कोई प्रतिवेदन नहीं दिया था। अदालत ने पूर्व में कहा था कि वह मुख्य मामले की सुनवाई से पहले सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड के उस आवेदन पर भी विचार करेगी जिसमें उन्होंने जकिया की याचिका में सह-आवेदक बनने का अनुरोध किया है।  
 

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!