Edited By vasudha,Updated: 25 Jun, 2018 05:42 PM
आईएनएक्स मीडिया मामले में पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम के पुत्र कार्ति चिदंबरम को जमानत देने के दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश को केन्द्रीय जांच ब्यूरो ने आज उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी...
नेशनल डेस्क: आईएनएक्स मीडिया मामले में पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम के पुत्र कार्ति चिदंबरम को जमानत देने के दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश को केन्द्रीय जांच ब्यूरो ने आज उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी। केन्द्रीय जांच ब्यूरो ने अपनी अपील में दावा किया है कि निचली अदालत में जमानत की अर्जी लंबित होने के दौरान उच्च न्यायालय को कार्ति की जमानत याचिका पर विचार की ‘ अनुमति नहीं ’ है। उन्होंने आरोप लगाया गया कि उच्च न्यायालय ने जमानत के स्तर पर साक्ष्यों की गुणवत्ता का ‘विस्तृत अवलोकन’ करके गलत किया था और इससे जांच ब्यूरो का मामले पर गंभीर प्रतिकूल असर पड़ा है।
जांच ब्यूरो ने अपनी अपील में कहा कि कार्ति को जमानत देते समय उच्च न्यायालय आरोपों के स्वरूप, इसके समर्थन वाले साक्ष्यों और मौजूदा मामले में साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ की समुचित आशंका की संभावना का पता लगाये बगैर ही न्यायोचित तरीके से अपने विवेक का इस्तेमाल करने में विफल रहा। उच्च न्यायालय के एकल न्यायाधीश ने 23 मार्च को कार्ति को जमानत प्रदान कर दी थी। सीबीआई ने कार्ति को 28 फरवरी को गिरफ्तार किया था। एकल न्यायाधीश ने अपने आदेश में कहा था कि राहत से उस समय तक इंकार नहीं करना चाहिए जब तक कि अपराध बहुत ही अधिक गंभीर न हो और जिसके लिए अधिक कठोर दंड का प्रावधान हो।
आरोप है कि 2007 में विदेशी निवेश संवद्र्धन बोर्ड ने आईएनएक्स मीडिया को विदेश से 305 करोड़ रूपए की रकम प्राप्त करने के लिय अनुमति प्रदान करने में अनियमित्तायें की। इस समय कार्ति के पिता पी चिदंबरम केन्द्रीय वित्त मंत्री थे। सीबीआई ने शुरू में आरोप लगाया था कि कार्ति ने आईएनएक्स मीडिया को विदेशी निवेश संवद्र्धन बोर्ड से मंजूरी दिलाने के लिये दस लाख रूपए की रिश्वत ली। बाद में उसने इस आंकड़े में परिवर्तन करते हुये इसे दस लाख अमेरिकी डालर बताया था।