Edited By shukdev,Updated: 27 Aug, 2019 05:21 PM
उच्चतम न्यायालय के आदेश पर ढहा दिए गए दिल्ली के तुगलकाबाद स्थित रविदास मंदिर का मामला एक बार फिर शीर्ष अदालत के समक्ष पहुंच गया है। हरियाणा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अशोक तंवर और पूर्व मंत्री प्रदीप जैन ने सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया...
नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय के आदेश पर ढहा दिए गए दिल्ली के तुगलकाबाद स्थित रविदास मंदिर का मामला एक बार फिर शीर्ष अदालत के समक्ष पहुंच गया है। हरियाणा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अशोक तंवर और पूर्व मंत्री प्रदीप जैन ने सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है। याचिकाकर्ताओं ने याचिका में कहा है कि न्यायालय के समक्ष मंदिर से जुड़े तथ्य सही तरीके से नहीं रखे गए।
याचिकाकर्ताओं ने पूजा के अधिकार को एक संवैधानिक अधिकार बताते हुए इस अधिकार को संरक्षित करने की न्यायालय से मांग की है। याचिका में मंदिर के पुनर्निर्माण कराने तथा मूर्ति को दोबारा स्थापित करने की अनुमति देने का अनुरोध भी किया गया है। याचिकाकर्ता का कहना है कि यह मंदिर 600 साल पुराना है, तो दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) इसका हकदार कैसे हो सकता है।
न्यायालय के आदेश पर मंदिर को गिराया गया था, जिस पर जगह-जगह आंदोलन और प्रदर्शन किए जा रहे थे। इसके बाद गत 19 अगस्त को न्यायालय ने दिल्ली, हरियाणा और पंजाब सरकार को कानून-व्यवस्था बनाए रखने के निर्देश जारी किए थे। पीठ ने यह साफ किया था कि उसके आदेश के तहत गिराए गए मंदिर पर राजनीति नहीं की जा सकती।