Edited By Seema Sharma,Updated: 25 Nov, 2019 04:10 PM
सुप्रीम कोर्ट ने न्यायिक आदेशों के बावजूद पराली जलाने की घटनाएं होने पर सोमवार को पंजाब और हरियाणा को आड़े हाथों लिया और कहा कि वायु प्रदूषण के कारण दिल्ली के लोगों को मरने के लिए नहीं छोड़ा जा सकता। जस्टिस अरूण मिश्रा और जस्टिस दीपक गुप्ता की पीठ ने
नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट ने न्यायिक आदेशों के बावजूद पराली जलाने की घटनाएं होने पर सोमवार को पंजाब और हरियाणा को आड़े हाथों लिया और कहा कि वायु प्रदूषण के कारण दिल्ली के लोगों को मरने के लिए नहीं छोड़ा जा सकता। जस्टिस अरूण मिश्रा और जस्टिस दीपक गुप्ता की पीठ ने पराली जलाने पर प्रतिबंध के बाजवूद इन दो राज्यों में यह सिलसिला जारी रहने पर कड़ा रूख अपनाया ओर कहा कि दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण की वजह से लोगों का ‘दम घुट' रहा है और लाखों लोगों की उम्र घट रही है।
पीठ ने कहाः
- वास्तव में हम इस बात से हैरान हैं कि दिल्ली में जल प्रदूषित है और आरोप-प्रत्यारोप का खेल चल रहा है, यह क्या हो रहा है।
- क्या आप लोगों से इस तरह व्यवहार करेंगे और उन्हें प्रदूषण के कारण जान गंवाने देंगे?
- दिल्ली में हालात नर्क से भी बुरे हो गए हैं।
- क्या आप लोगों से इस तरीके से व्यवहार कर सकते हैं और उन्हें दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण से मरने के लिए छोड़ सकते हैं?
- सुप्रीम कोर्ट ने मुख्य सचिव (पंजाब) से कहा कि हम राज्य की हर मशीनरी को इसके लिए जिम्मेदार ठहराएंगे।
- आप इस तरह दिल्ली में लोगों को मरने नहीं दे सकते।
- साथ ही कोर्ट ने कहा कि दिल्ली में दमघोंटू माहौल है क्यों कि आपने इससे निपटने के लिए कोई सक्षम कदम नहीं उठाए।
- दिल्ली के लोगों को शुद्ध जल पाने का अधिकार है।
अभी भी ‘खराब' श्रेणी में दिल्ली की वायु गुणवत्ता
आपको बता दें कि दिल्ली में वायु गुणवत्ता सोमवार सुबह ‘खराब' श्रेणी में दर्ज की गई। ‘सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च' (सफर) के अनुसार दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक सुबह नौ बजकर 10 मिनट पर 218 दर्ज किया गया। दिल्ली-एनसीआर में रविवार को हवा चलने से प्रदूषण का स्तर गिर गया था। एक्यूआई 201 से 300 के बीच ‘खराब', 301 से 400 के बीच ‘बहुत खराब' और 401 से 500 के बीच ‘गंभीर' श्रेणी में माना जाता है।