Edited By Seema Sharma,Updated: 22 Jun, 2021 03:24 PM
सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु राज्य निर्वाचन आयोग (TNSEC) को चार मौजूदा जिलों में से बनाए गए नौ नए जिलों में 15 सितंबर तक स्थानीय निकाय के चुनाव कराने का मंगलवार को आदेश दिया। भारत निर्वाचन आयोग (ECI) की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता पी एस नरसिम्हा ने दलील दी...
नेशनल डेस्क: सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु राज्य निर्वाचन आयोग (TNSEC) को चार मौजूदा जिलों में से बनाए गए नौ नए जिलों में 15 सितंबर तक स्थानीय निकाय के चुनाव कराने का मंगलवार को आदेश दिया। भारत निर्वाचन आयोग (ECI) की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता पी एस नरसिम्हा ने दलील दी कि 2019 के आदेश को लागू नहीं किया जा सका, क्योंकि राज्य में विधानसभा चुनावों को प्राथमिकता दी गई थी और बाद में पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव पर ध्यान केंद्रित किया गया। इसके बाद, पीठ ने कहा कि स्थानीय निकाय चुनाव भारत निर्वाचन आयोग नहीं, बल्कि राज्य निर्वाचन आयोग कराता है।
नरसिम्हा ने कहा कि राज्य में अब भी कोविड-19 संक्रमण के मामले बड़ी संख्या में सामने आ रहे हैं और इसलिए इन नौ जिलों में चुनाव कराने के लिए कुछ समय दिया जाए। इस पर पीठ ने कहा कि कोरोना वायरस आजकल हर दूसरे मामले में बहाना बन गया है और यदि चुनावी दलों की इच्छा हो, तो अच्छी तरह चुनाव कराए जा सकते हैं। पीठ ने कहा कि बेहतर होगा कि आप 15 सितंबर तक चुनाव करा लें अन्यथा हम अनुपालन नहीं करने को लेकर अवमानना की कार्रवाई शुरू कर देंगे। न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता और न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस की अवकाशकालीन पीठ ने कहा कि राज्य निर्वाचन आयोग को 15 सितंबर तक स्थानीय निकायों के चुनाव कराने और परिणाम घोषित करने के लिए अधिसूचना जारी करनी होगी।
पीठ ने 11 दिसंबर, 2019 को शीर्ष अदालत द्वारा पारित आदेश का जिक्र किया और कहा कि TNSEC ने चुनाव कराने के लिए दिए गए चार महीने के समय के बजाए 18 महीने का समय ले लिया। पीठ ने कहा कि स्थानीय निकायों का कार्यकाल 2018-19 में खत्म हो गया था और तब से उनमें कोई नया निर्वाचित प्रतिनिधि नहीं है। पीठ ने यह भी कहा कि अगर अदालत के आदेश का पालन नहीं किया जाता है तो निर्वाचन आयोग अवमानना की कार्रवाई के लिए जिम्मेदार होगा।