Edited By Yaspal,Updated: 19 Jul, 2018 11:37 PM
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कहा कि एक विवाहित महिला के कथित यौन शोषण के संबंध में दो पादरियों को गिरफ्तारी से मिला संरक्षण तब तक जारी रहेगा जब तक वह उनकी अग्रिम जमानत पर फैसला नहीं सुना देता।
नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कहा कि एक विवाहित महिला के कथित यौन शोषण के संबंध में दो पादरियों को गिरफ्तारी से मिला संरक्षण तब तक जारी रहेगा जब तक वह उनकी अग्रिम जमानत पर फैसला नहीं सुना देता।
न्यायमूर्ति ए के सीकरी और न्यायमूर्ति अशोक भूषण की पीठ ने बंद कमरे में हुई सुनवाई के दौरान आरोपियों और राज्य सरकार की ओर से पेश हुए वकीलों की दलील सुनने के बाद मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।
इससे पहले गुरुवार को प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा के नेतृत्व वाली पीठ ने आरोपियों की ओर से पेश हुए वकीलों के बंद कमरे में सुनवाई करने के अनुरोध को स्वीकार कर लिया था। मलंकारा सीरियन ऑर्थोडॉक्स चर्च के चार पादरियों पर 34 वर्षीय विवाहित महिला का यौन शोषण करने का आरोप है।