सुप्रीम कोर्ट कल वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए करेगा सुनवाई

Edited By Yaspal,Updated: 17 May, 2020 09:37 PM

supreme court will hear tomorrow through video conferencing

कोविड-19 लॉकडाउन के बीच रविवार को जारी एक मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) के अनुसार सुप्रीम कोर्ट 18 मई से 19 जून तक सभी मामलों की सुनवाई वीडियो और ऑडियो लिंक के माध्यम से करेगा। इसके साथ ही उसने ई-फाइलिंग तथा वर्चुअल सुनवाई में वकीलों तथा वादियों की...

नई दिल्लीः कोविड-19 लॉकडाउन के बीच रविवार को जारी एक मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) के अनुसार सुप्रीम कोर्ट 18 मई से 19 जून तक सभी मामलों की सुनवाई वीडियो और ऑडियो लिंक के माध्यम से करेगा। इसके साथ ही उसने ई-फाइलिंग तथा वर्चुअल सुनवाई में वकीलों तथा वादियों की मदद के लिए हेल्पलाइन ‘1881' का भी विस्तार किया है। नयी एसओपी का खास महत्व है क्योंकि लॉकडाउन में वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से केवल आवश्यक मामलों की सुनवाई कर रही शीर्ष अदालत ने 15 मई को अपने ग्रीष्मकालीन अवकाश को पांच सप्ताह के लिए टालने का निर्णय किया और 18 मई से 19 जून तक काम करने की घोषणा की।

नई एसओपी जारी करते हुए शीर्ष अदालत ने पहली बार रजिस्ट्री में कहा कि हेल्पलाइन नंबर ‘1881' वकीलों और वादियों के सवालों के त्वरित समाधान उपलब्ध कराने और न्यायिक कार्यों से जुड़े अन्य मुद्दों के लिए वरिष्ठ अधिकारियों की निगरानी में सुबह 10 से शाम पांच बजे तक काम करेगा। शीर्ष अदालत ने कहा, ‘‘कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के क्रम में, मौजूदा स्थिति और विभिन्न पक्षों से प्राप्त सुझावों तथा भारत सरकार और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र सरकार द्वारा समय-समय पर जारी दिशा-निर्देशों पर विचार करते हुए प्रधान न्यायाधीश आगामी सप्ताहों में मामलों की सुनवाई के लिए पीठों का गठन करने का निर्देश देते हुए प्रसन्नता महसूस कर रहे हैं क्योंकि वर्चुअल अदालतें 18 मई 2020 से 19 जून 2020 तक (दोनों दिन भी शामिल) केवल वीडियो कांफ्रेंस/टेली कांफ्रेंस के माध्यम से काम करेंगी, जो पूर्व में अधिसूचित ग्रीष्मकालीन अवकाश की अवधि के दौरान है।''

सूचना में कहा गया, ‘‘वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से होने वाली कार्यवाही को किसी भी तरह रिकॉर्ड/संग्रहित या प्रसारित नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि सुनवाई तथा कार्यवाही की किसी भी तरह से रिकॉर्डिंग/प्रति तैयार करना/संग्रहित या प्रसारित करना पूरी तरह निषिद्ध है।'' इसमें कहा गया कि महामारी के चलते सूचीबद्ध न किए जा सके लंबित नए मामलों को इस अवधि के दौरान वर्चुअल अदालत के समक्ष सूचीबद्ध किया जाना तय किया गया है। इसमें कहा गया, ‘‘एक बार नए मामलों का समूह निपट जाने के बाद, सूचीबद्ध किए जाने के लिए तैयार लघु श्रेणी से संबंधित मामलों को सुनवाई के लिए अदालत के समक्ष सूचीबद्ध किया जाएगा, इस तरह के अन्य मामले भी सूचीबद्ध किए जाएंगे।'' एसओपी में कहा गया, ‘‘एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड या व्यक्तिगत रूप से पक्षों को यह स्पष्ट करना चाहिए कि वे पीठ से अपने स्वयं के कंप्यूटर से जुड़ना चाहेंगे या फिर सुप्रीम कोर्ट परिसर में मौजूद वीडियो कॉन्फ्रेंस सुविधा को प्राथमिकता देंगे।''

नए परिपत्र ने ई-फाइलिंग से संबंधित पूर्व की एसओपी की जगह ले ली है जो 23, 26 मार्च और 17 अप्रैल को जारी की गई थीं। शीर्ष अदालत कोविड-19 लॉकडाउन के चलते 25 मार्च से वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से मामलों की सुनवाई कर रही है। लॉकडाउन के दौरान पीठ आमतौर पर न्यायाधीशों के घर बैठती हैं और वकील अपने घरों या कार्यालयों से वीडियो कांफ्रेंस से जुड़ते हैं।

 

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