पिता शरद पवार के गढ़ में भाजपा की एंट्री रोकने की कोशिश में जुटी सुप्रिया सुले

Edited By Seema Sharma,Updated: 01 Apr, 2019 11:45 AM

supriya sule attempts to stop bjp s entry into pawar s stronghold

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की नेता सुप्रिया सुले 2014 में ‘मोदी लहर’ के बावजूद अपनी सीट बचाने में कामयाब रहीं और इस आम चुनाव में भी वह भाजपा को अपने पिता शरद पवार का गढ़ माने जाने वाले बारामती में सेंध लगाने से रोकने के लिए कोई कोर-कसर नहीं छोड़...

पुणे: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की नेता सुप्रिया सुले 2014 में ‘मोदी लहर’ के बावजूद अपनी सीट बचाने में कामयाब रहीं और इस आम चुनाव में भी वह भाजपा को अपने पिता शरद पवार का गढ़ माने जाने वाले बारामती में सेंध लगाने से रोकने के लिए कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रही हैं। सुले 2014 में भाजपा के सहयोगी दल राष्ट्रीय समाज पक्ष (आरएसपी) के महादेव जंकर से 70 हजार वोटों के मामूली अंतर से जीती थीं। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने लोकसभा चुनाव 2019 में महाराष्ट्र की कुल 48 में से 45 सीटों पर जीत का लक्ष्य रखा है। इनमें पवार परिवार का गढ़ बारामती भी शामिल है। भगवा पार्टी ने बारामती से इस बार अपने चुनाव चिह्न पर उम्मीदवार खड़ा कर राकांपा को कड़ी टक्कर देने की अपनी मंशा स्पष्ट कर दी है।

राकांपा 1999 से ही बारमती सीट से जीत रही है। 2014 में राकांपा प्रमुख शरद पवार की बेटी सुले ने जंकर को 70 हजार वोटों से हराया था। कहने को तो यह अच्छी जीत थी लेकिन 2009 के मुकाबले यह अंतर बेहद मामूली था। 2009 में जीत का अंतर तीन लाख वोटों से ज्यादा था। इस बार चुनाव में भाजपा ने दौंड से आरएसपी विधायक राहुल कुल की पत्नी कंचन कुल को सुले के खिलाफ बारामती से अपना उम्मीदवार बनाया है। सुले इस बार भी चुनाव जीतने और अपने गढ़ को बचाए रखने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रही हैं।

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