Surat: हीरा कंपनी ने 50000 कर्मचारियों को 10 दिन की छुट्टियों पर भेजा, जानिए वजह

Edited By Yaspal,Updated: 06 Aug, 2024 10:37 PM

surat diamond company gave 10 days leave to 50000 employees

सूरत की एक प्रमुख हीरा विनिर्माण कंपनी ने मंगलवार को मंदी के कारण अंतरराष्ट्रीय बाजारों में पॉलिश किए गए हीरों की कम मांग का हवाला देते हुए अपने 50,000 कर्मचारियों के लिए 17 से 27 अगस्त तक 10 दिन की 'छुट्टी' की घोषणा की

सूरतः सूरत की एक प्रमुख हीरा कंपनी ने मंगलवार को मंदी के कारण अंतरराष्ट्रीय बाजारों में पॉलिश किए गए हीरों की कम मांग का हवाला देते हुए अपने 50,000 कर्मचारियों के लिए 17 से 27 अगस्त तक 10 दिन की 'छुट्टी' की घोषणा की। किरण जेम्स कंपनी की वेबसाइट के अनुसार, यह 'प्राकृतिक हीरों की दुनिया की सबसे बड़ी विनिर्माता' कंपनी है।

किरण जेम्स के चेयरमैन वल्लभभाई लखानी ने बताया, ‘‘हमने अपने 50,000 कर्मचारियों के लिए 10 दिन की छुट्टी की घोषणा की है। हालांकि, हम कुछ राशि काटेंगे, लेकिन सभी कर्मचारियों को इस अवधि के लिए वेतन दिया जाएगा। मंदी के कारण हमें यह छुट्टी घोषित करने के लिए मजबूर होना पड़ा है। मैं अब इस मंदी से थक गया हूं।'' उन्होंने कच्चे हीरों की कम आपूर्ति और कंपनी द्वारा निर्यात किए जाने वाले पॉलिश किए गए हीरों की पर्याप्त मांग की कमी को रेखांकित किया।

लखानी ने कहा, ‘‘मांग में इस गिरावट से अन्य खिलाड़ी भी प्रभावित हुए हैं, लेकिन वे चुप हैं। हमने इसे सक्रिय रूप से घोषित किया है, क्योंकि हम चाहते हैं कि लोगों को वास्तविकता पता चले। कर्मचारियों के लिए यह अवकाश हमारे उत्पादन को सुसंगत बनाने में मदद करेगा। इस मंदी के पीछे सटीक कारण कोई नहीं जानता।''

सूरत डायमंड एसोसिएशन के अध्यक्ष जगदीश खुंट ने लखानी के विचारों को दोहराते हुए कहा कि मंदी ने स्थानीय हीरा उद्योग को प्रभावित किया है, जो दुनिया के लगभग 90 प्रतिशत हीरों का प्रसंस्करण करता है। खुंट ने कहा, ‘‘यह पहला मौका है जब किरण जेम्स ने (कर्मचारियों के लिए) इस तरह की छुट्टी घोषित की है। हालांकि, अभी तक किसी अन्य कंपनी ने ऐसा कदम नहीं उठाया है, लेकिन यह वास्तविकता है कि मंदी ने पॉलिश किए गए हीरों की बिक्री को कम कर दिया है।'' चूंकि पॉलिश किए गए 95 प्रतिशत हीरे निर्यात किए जाते हैं, इसलिए वैश्विक कारक हमेशा कीमती पत्थरों की बिक्री को प्रभावित करते हैं। उन्होंने रूस-यूक्रेन युद्ध और इजरायल-फलस्तीन संघर्ष को कुछ कारकों के रूप में बताया।

खूंट ने कहा, ‘‘रूस-यूक्रेन युद्ध और गाजा में इजरायल की कार्रवाई कुछ ऐसे कारक हैं, जिन्होंने वैश्विक स्तर पर मांग को प्रभावित किया है। वर्ष 2022 में, हमारे हीरा उद्योग का कारोबार लगभग 2,25,000 करोड़ रुपये था, जो आज घटकर लगभग 1,50,000 करोड़ रुपये रह गया है। इसलिए, हम पिछले दो वर्षों से नकारात्मक स्थिति में हैं।'' उन्होंने कहा कि सूरत में लगभग 4,000 बड़ी और छोटी हीरा पॉलिशिंग और प्रसंस्करण इकाइयाँ लगभग 10 लाख लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार प्रदान करती हैं।
 

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