कार्यकाल के 52 दिन में ही सुषमा ने दिखा दी थी प्रशासनिक क्षमता की झलक

Edited By vasudha,Updated: 08 Aug, 2019 11:39 AM

sushma showed a glimpse of administrative ability

सुषमा स्वराज को 13 अक्तूबर 1998 को दिल्ली की 5वीं और पहली महिला मुख्यमंत्री पद की शपथ तत्कालीन उपराज्यपाल विजय कपूर ने दिलाई थी। महज 52 दिन के छोटे से कार्यकाल में उन्होंने नमक, प्याज की किल्लत को योजनाबद्ध तरीके से संभाला, विधानसभा का चुनाव भी...

नई दिल्ली (अनिल सागर): सुषमा स्वराज को 13 अक्तूबर 1998 को दिल्ली की 5वीं और पहली महिला मुख्यमंत्री पद की शपथ तत्कालीन उपराज्यपाल विजय कपूर ने दिलाई थी। महज 52 दिन के छोटे से कार्यकाल में उन्होंने नमक, प्याज की किल्लत को योजनाबद्ध तरीके से संभाला, विधानसभा का चुनाव भी लड़ा। तत्कालीन उपराज्यपाल विजय कपूर, मुख्य सचिव ओमेश सहगल सहित कई नौकरशाह उन 52 दिनों पर मानते हैं कि सुषमा स्वराज ने अपनी प्रशासनिक क्षमता से हर समस्या को तुरंत हल किया।

PunjabKesari

मुख्यमंत्री की शपथ दिलाने वाले दिल्ली के उपराज्यपाल विजय कपूर कहते हैं कि शपथ ग्रहण का दिन मेरे लिए गौरवशाली था। मैं उन्हें पहले से जानता था, सांसद के तौर पर मेरी बातचीत भी होती रहती थी। जब रक्षा मंत्रालय की सलाहकार समिति की सदस्य थी तब मेरी नियुक्ति सेना में थी। वह बहुत छोटी-छोटी बातों को समझ कर जनहित के मुद्दे उठाती थीं। मेरी उनसे अभिन्न मित्रता रही। वर्ष 1998 में जब वे मुख्यमंत्री थीं और समस्याएं बढऩे लगी तो जो कमेटी बनाई वह नासिक से प्याज खरीद के प्रयास करती रहीं लेकिन वहां नहीं मिली जिसके बाद केंद्र सरकार के सहयोग से विदेशों से आयात किया गया। हम जब अक्सर मिलते थे तो बहुत गर्मजोशी से मिलते और उनके न रहने से मुझे व्यक्तिगत क्षति पहुंची है।

PunjabKesari

1998 में दिल्ली के मुख्य सचिव रहे ओमेश सहगल कहते हैं कि नवरात्र बीत चुके थे दीपावली आने वाली थी और प्याज महंगी हो गई। नासिक व विदेशी प्याज आयात करने के मुख्यमंत्री ने कमेटी बनाई और फिर केंद्र सरकार के साथ आयात भी किया गया। प्याज के दाम थम गए, लेकिन इस बीच नमक की कमी की अफवाह शुरू हो गई। आशंका से ग्रस्त लोगों ने नमक स्टोर करना शुरू कर दिया तो सुषमा स्वराज खुद मैदान में उतरीं और बकायदा गोदामों में छापे मारकर दिल्लीवासियों को बताया कि राजधानी में नमक की कमी नहीं है। नमक हाथ में लिए उनके फोटो भी मीडिया में छपे और बोरियों का भंडार भी दिखाया। उनका निधन देश के लिए व मेरे लिए अपूर्णीय क्षति है।

PunjabKesari

सुषमा स्वराज भले बेमन से मुख्यमंत्री बनी हों, लेकिन उन्होंने योजनाओं पर ध्यान दिया। तिहाड़ जेल में आधुनिक फैक्ट्री का प्रस्ताव लेकर पहुंचे तत्कालीन महानिदेशक जेल, आईएएस जयदेव सारंगी यादों को खंगालते हुए बोले, सुषमा जी ने तुरंत मंजूरी दे दी और फिर खुद जेल आकर उसका उद्घाटन भी किया। सुषमा स्वराज के मंत्रिमंडल में वित्त एवं आबकारी मंत्री रहे असम के राज्यपाल जगदीश मुखी की माने तो सहयोगियों को विश्वास में लेकर, नौकरशाहों से फैसले करवाने का हुनर उनके अनूठा था। नमक संकट हो गया प्याज की किल्लत अथवा कानून व्यवस्था उन्होंने हर जगह खुद मोर्चा संभाला। अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में उन्होंने देर रात दक्षिणी दिल्ली के एक थाने का औचक निरीक्षण किया, एसएचओ को न देखकर जमकर फटकार लगाई फिर माना कि केंद्र शासित प्रदेश होने के कारण कानून व्यवस्था को लेकर वह लाचार हैं। लेकिन कहा कि दिल्ली के लोग चैन से सोएं इसके लिए वह रात को जागेंगी। मुखी बताते हैं कि मेरे हरियाणा में उनके मंत्री बनने से संबंध थे और कई बार बतौर नेता प्रतिपक्ष उनसे राय ली।
 

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!