Edited By Seema Sharma,Updated: 07 Jun, 2018 04:32 PM
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने पेंट्रिच से पीटरमैरिट्जबर्ग रेलवे स्टेशन तक आज ट्रेन से सफर किया। यह वहीं रेलवे स्टेशन है जहां महात्मा गांधी को अश्वेत होने की वजह से ट्रेन के डिब्बे से बाहर फेंक दिया गया था और इसी घटना ने उन्हें सत्याग्रह करने के लिए...
पीटरमैरिट्जबर्ग: विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने पेंट्रिच से पीटरमैरिट्जबर्ग रेलवे स्टेशन तक आज ट्रेन से सफर किया। यह वहीं रेलवे स्टेशन है जहां महात्मा गांधी को अश्वेत होने की वजह से ट्रेन के डिब्बे से बाहर फेंक दिया गया था और इसी घटना ने उन्हें सत्याग्रह करने के लिए प्रेरित किया था। दक्षिण अफ्रीका की पांच दिन की यात्रा पर गई सुषमा ने बुधवार को फीनिक्स बस्ती में एक पौधा लगाया था जहां महात्मा गांधी ने दक्षिण अफ्रीका में रहने के दौरान अहिंसा के दर्शन को विकसित किया था। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्वीट किया, ‘‘इस यात्रा ने महात्मा गांधी को सत्याग्रह करने के लिए प्रेरित किया था।
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने पेंट्रिच स्टेशन से पीटरमैरिट्जबर्ग तक ट्रेन से यात्रा की।’ 7 जून, 1893 की रात को एक युवा वकील मोहनदास कमरचंद गांधी को पीटरमैरिट्जबर्ग रेलवे स्टेशन पर ट्रेन के प्रथम श्रेणी डिब्बे से इसलिए बाहर फेंक दिया गया था क्योंकि उन्होंने अपनी सीट देने से इनकार कर दिया था। इस घटना ने उन्हें शांतिपूर्ण प्रतिरोध के अपने सत्याग्रह सिद्धांतों को विकसित करने और अंग्रेजों के भेदभावपूर्ण नियमों के खिलाफ दक्षिण अफ्रीका और भारत में लोगों को संगठित करने के लिए प्रेरित किया था। महात्मा गांधी ने 1915 में भारत लौटने से पहले 21 वर्ष दक्षिण अफ्रीका में बिताये थे।