Edited By Yaspal,Updated: 13 Sep, 2018 05:26 AM
शराब कारोबारी विजय माल्या ने देश छोड़ने से पहले वित्त मंत्री अरुण जेटली से मुलाकात का बयान देकर भारत की सियासत को गरमा दिया है...
नेशनल डेस्कः शराब कारोबारी विजय माल्या ने देश छोड़ने से पहले वित्त मंत्री अरुण जेटली से मुलाकात का बयान देकर भारत की सियासत को गरमा दिया है। कांग्रेस-बीजेपी पहले ही एक-दूसरे पर भगोड़े आर्थिक अपराधियों की मदद का आरोप लगाते आए हैं। वहीं इस बहस में अब दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल भी कूंद पड़े हैं।
विजय माल्या के बयान के बाद एक बार फिर बीजेपी नेता और राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यमन स्वामी का तीन महीने पहले का ट्वीट सामने आ गया है, जो उन्होंने 12 जून को किया था, जिसमें लिखा है, माल्या देश नहीं छोड़ सकता क्योंकि हवाई अड्डों पर उसके खिलाफ कड़ा लुक आउट नोटिस जारी हो चुका है। इसके बाद वो दिल्ली आया और उसने किसी प्रभावशाली व्यक्ति से मुलाकात की, जो विदेश जाने से रोकने वाले उस नोटिस को बदल सकता था। वो शख्स कौन था, जिसने नोटिस को कमजोर किया।
भारत के बैंकों से करोडों का कर्ज लेकर फरार चल रहे शराब कारोबारी विजय माल्या ने बुधवार को बड़ा बयान देते हुए लंदन के एक कोर्ट के बाहर कहा कि वो देश छोड़ने से पहले वित्त मंत्री अरुण जेटली से मिला था। माल्या ने कहा कि उनसे मिलकर मामले को सुलझाना था। लेकिन बैंकों की आपत्ति के वजह से मामला सुलझ नहीं सका।
माल्या ने मीडिया को बताया कि मुझे दोनों बड़ी पार्टियों ने राजनीतिक फुटबॉल बना दिया और बाद में मुझे बलि का बकरा बनाया गया। उसने बताया कि जेनेवा में एक मीटिंग में शामिल होने की वजह से मैं देश से बाह आया था। हालांकि बाद में माल्या ने अपने बयान पर सफाई देते हुए कहा कि मैं कभी अरुण जेटली से नहीं मिला, मीडिया ने मेरे बयान को गलत तरीके से दिखाया है।