Edited By Seema Sharma,Updated: 03 Dec, 2019 08:34 AM
दांतों की सफाई पर खास ध्यान देने वाले और ओरल हाईजीन (मौखिक स्वच्छता) के प्रति बहुत अधिक सतर्क रहने वाले लोगों के लिए राहत देने वाली खबर है। एक ताजा शोध के अनुसार, जो लोग दिन में 3 या इससे अधिक बार अपने दांतों की सफाई करते हैं, वह भी उनकी ऊपरी परत को...
नेशनल डेस्क: दांतों की सफाई पर खास ध्यान देने वाले और ओरल हाईजीन (मौखिक स्वच्छता) के प्रति बहुत अधिक सतर्क रहने वाले लोगों के लिए राहत देने वाली खबर है। एक ताजा शोध के अनुसार, जो लोग दिन में 3 या इससे अधिक बार अपने दांतों की सफाई करते हैं, वह भी उनकी ऊपरी परत को नुक्सान पहुंचाए बिना उन्हें दिल से संबंधित बीमारियां होने का खतरा कई गुना कम हो जाता है।
शोधकर्त्ताओं के अनुसार, दिन में रोज कम से कम 3 बार ब्रश करने वाले लोगों में आर्टिअल फिब्रिलेशन के अवसर 10 प्रतिशत और हार्ट फेल्योर (हृदयपात) के अवसर 12 प्रतिशत तक कम हो जाते हैं। साथ ही हार्ट बीट (दिल की धड़कन) के अनियमित होने का खतरा भी इस तरह ब्रश करने से घट जाता है। यह बात हाल ही में साऊथ कोरिया में हुई एक नई स्टडी में सामने आई है।
मौखिक स्वच्छता और दिल के बीच सीधा संबंध
मौखिक स्वच्छता को लेकर पिछले दिनों हुए एक अध्ययन में यह बात सामने आई थी कि यदि मुंह की सफाई का ध्यान न रखा जाए तो मुंह में पैदा होने वाले बैक्टीरिया दिल से संबंधित बीमारियों का कारण बन सकते हैं। यूरोपियन जनरल ऑफ प्रिवैंटिव कार्डियोलॉजी में प्रकाशित ताजा रिसर्च के अनुसार, शोध में साबित हुआ कि मौखिक स्वच्छता और दिल की सेहत के बीच सीधा संबंध है। इस रिसर्च को कोरियन नैशनल हैल्थ इंश्योरैंस द्वारा करीब 16 लाख लोगों से प्राप्त डाटा के आधार पर प्रकाशित किया गया। जिन लोगों पर यह शोध किया गया उन सभी की उम्र 40 से 79 साल के बीच रही। इस दौरान इन सभी लोगों की जांच उनके ‘कद, वजन, बीमारियों, रहन-सहन, मौखिक स्वास्थय स्वच्छता और कई तरह के लैबोरेटरी टैस्ट किए गए। इसके साथ ही ङ्क्षलग, सामाजिक आर्थिक स्थिति, नियमित व्यायाम, शराब की आदत, बॉडी मास इंडैक्स, उच्च रक्तचाप जैसे डिसऑडर्स (विकारों) की भी जांच की गई।
सबजिवलिंग बायोफिल्म में बहुत तेजी से घट जाते हैं बैक्टीरियाइस
रिसर्च में सामने आया कि दिन में कम से कम 3 बार ब्रश करने से सबजिवलिंग बायोफिल्म में बैक्टीरिया बहुत तेजी से घट जाते हैं, ये वे बैक्टीरिया होते हैं जो दांतों और मसूड़ों के बीच की जगह में पनपते हैं। ये बैक्टीरिया अलग-अलग तरह से दिल के संपर्क में आ जाने पर अनेक बीमारियों की वजह बनते हैं, जिनमें हृदयपात और दिल की धड़कन का अनियमित होना भी शामिल है।