Edited By Punjab Kesari,Updated: 12 Apr, 2018 09:53 AM
परिवार के साथ मनोरंजन के लिए सिनेमाहॉल में फिल्म देखने गए और कुछ खाया-पिया तो समझो आप लुट गए। मतलब जो चीज आपको बाहर दस रुपए में मिल जाएगी
नई दिल्ली: परिवार के साथ मनोरंजन के लिए सिनेमाहॉल में फिल्म देखने गए और कुछ खाया-पिया तो समझो आप लुट गए। मतलब जो चीज आपको बाहर दस रुपए में मिल जाएगी वह सिनेप्लेक्स के भीतर 40 से 50 रुपए तक मिलती है। चूंकि आप भीतर से बाहर निकलकर कुछ खरीद नहीं सकते, इसी मजबूरी का फायदा उठाकर सिनेमाहॉल में यह मनमानी का खेल धड़ल्ले से चल रहा है। प्रशासनिक स्तर पर इसको लेकर सख्ती नहीं बरती जा रही, इस कारण लूट जारी है।
खाद्य पदार्थों की मनमानी कीमतें वसूलने का खेल खासतौर पर उन जगहों पर हो रहा है, जहां सिनेप्लेक्स हैं। वहां लूट का यह गोरखधंधा दिल्ली ही नहीं पूरे एनसीआर में चल रहा है। हाल में, मुंबई के सिनेप्लेक्स में चल रही इस मनमानी पर वहां की अदालत ने सख्त रुख दिखाते हुए इस पर रोक लगाने के निर्देश दिए हैं लेकिन दिल्ली में अभी इसको लेकर कोई सख्ती दिखाई नहीं दिखाई दे रही है। बड़ी बात तो यह है कि पानी की बोतल तक तय राशि से काफी अधिक रेट पर बेची जाती है।
मजबूरी में देते हैं अधिक मूल्य: फिल्म देखने जाने वाले लोगों, उनके साथ मौजूद बच्चों आदि को इंटरवल में कुछ खाने-पीने का मन कर ही जाता है। ऐसे में दर्शकों की मजबूरी होती है कि वह अधिक कीमतों पर खाने की चीजें खरीदें क्योंकि कोई और चारा नहीं बचता। अधिक रेट के कारण कुछ लोग मन मार लेते हैं लेकिन जब बच्चे जिद करने लगते हैं तो अधिक मूल्य पर चीजें खरीदनी ही पड़ती हैं।
एलजी और सीएम से लगाई गुहार: दिल्ली सिने दर्शक के महासचिव रमेश बजाज ने सिनेमाघरों की इस मनमानी को खत्म करने के लिए एलजी व सीएम को पत्र लिखकर गुहार लगाई है। इसके बावजूद अब तक कदम नहीं उठाया गया है।
टिकट से महंगा है खाना-पानी: टिकट की कीमतों की अपेक्षा खाने-पीने की चीजों की कीमतें बहुत अधिक हैं। यह कितना अजीब है जितना पॉपकॉर्न बाहर 40-50 रुपए में मिल जाता है, उतना पॉपकॉर्न लेने के लिए दर्शकों को 150 रुपए से ज्यादा की राशि चुकानी पड़ती है। कहीं-कहीं तो 350 रुपए तक में पॉपकॉर्न मिलता है। सिनेप्लेक्स के प्रबंधन का कहना है कि पांच सितारा सुविधा दी जाती है, इस कारण रेट अधिक होते हैं।
पेयजल की व्यवस्था मुफ्त की गई: मनमानी कीमतों को लेकर जब सवाल उठने लगे और अन्य राज्यों में सख्ती कई गई तो राजधानी के सिनेमाघरों में पेयजल की व्यवस्था निशुल्क की गई है। इसके लिए वॉटरकूलर रखे गए हैं।