Edited By Punjab Kesari,Updated: 10 Mar, 2018 05:37 PM
कई वर्षों से तालिबानी वरोध के कारण रुकी हुई भारत की गैस पाइप लाइन परियोजना एक बार फिर शुरू हो सकती है। 7.5 अरब डॉलर की यह परियोजना भारत के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। यह गैस पाइपलाइन अफगानिस्तान और पाकिस्तान के रास्ते भारत आनी है।
इंटरनेशनल डेस्कः कई वर्षों से तालिबानी वरोध के कारण रुकी हुई भारत की गैस पाइप लाइन परियोजना एक बार फिर शुरू हो सकती है। 7.5 अरब डॉलर की यह परियोजना भारत के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। यह गैस पाइपलाइन अफगानिस्तान और पाकिस्तान के रास्ते भारत आनी है। लेकिन तालिबान इसका अबतक विरोध करता आया है, तालिबान ने सभी को चौंकाते हुए भारत की इस परियोजना के पक्ष में खड़ा हो गया है।
योजना से मिलेगा हजारों लोगों को रोजगार
पिछले महीने एक बयान में तालिबानी प्रवक्ता ने कहा था कि तालिबान देश के पुर्ननिर्माण और आर्थिक बुनियाद को दोबारा खड़ा करने में अपनी जिम्मेदारी समझता है। अंतरराष्ट्रीय कंपनियों से इस मामले में अफगानियों की मदद को बोल रहा है। बता दें कि इस पाइपलाइन परियोजना पर बातचीत तब से चल रही थी, जब अफगानिस्तान में तालिबानी हुकूमत थी। यह गैस पाइपलाइन चार देशों से होकर भारत आनी थी। जिसमें तुर्कमेनिस्तान, अफगानिस्तान, पाकिस्तान और स्वयं भारत है। इससे हजारों बेरोजगार लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद है। इस गैस पाइपलाइन से लगभग 33 अरब क्युबिक मीटर गैस सप्लाई करने की योजना है। भारत की सरकारी कंपनी गेल इंडिया लिमिटेड और तुर्कमेनगाज, अफगान गैस एंटरप्राइज इस पर काम कर रही है।
दक्षिणी अफगानिस्तान में सुरक्षा बड़ी चुनौती
500 मील लंबी पाइपलाइन अफगानिस्तान के तालिबानी इलाके से होकर गुजरेगी। वहीं दक्षिणी अफगानिस्तान में पाइपलाइन की सुरक्षा एक बड़ी चुनौती होगी। क्योंकि दक्षिणी अफगानिस्तान में लगातार आतंकी हमले होते रहते हैं। वहीं अफगानिस्तान की मौजूदा सरकार ने इस पर संदेह जताया है। राष्ट्रपति के प्रवक्ता दावा खान मेनापेल के मुताबिक, प्रशासन तालिबान को इसके लिए धन नहीं देगा। इसलिए तालिबान पर भरोसा करना उचित नहीं होगा। तालिबान के परिवारों, मित्रों और रिश्तेदारों को इस परियोजना का लाभ मिलेगा। इसलिए इस राष्ट्रीय परियोजना की सुरक्षा करना सबकी जिम्मेदारी है।
अफगानिस्तान में अमेरिकी राजदूत जॉन आर बास ने पिछले महीने एक ट्वीट कर कहा था कि यह परियोजना आपसी क्षेत्रीय सहयोग को बढ़ाने वाली और राजस्व का एक महत्वपूर्ण स्त्रोत होगी।