संघर्षविराम और बातचीत की पेशकश जम्मू कश्मीर को कत्लेआम से बचाने का मौका : महबूबा मुफ्ती

Edited By Monika Jamwal,Updated: 04 Jun, 2018 11:51 AM

talk is the only way to solve kashmir issue

मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने अलगाववादियों से बातचीत के लिए आगे आने और राज्य को ‘कत्लेआम’ से बचाने की अपील करते हुए कहा कि एकतरफा संघर्ष विराम और केंद्र की ओर से बातचीत की पेशकश उनके लिये एक मौका है जो हर दिन नहीं मिलता।

श्रीनगर : मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने अलगाववादियों से बातचीत के लिए आगे आने और राज्य को ‘कत्लेआम’ से बचाने की अपील करते हुए कहा कि एकतरफा संघर्ष विराम और केंद्र की ओर से बातचीत की पेशकश उनके लिये एक मौका है जो हर दिन नहीं मिलता। महबूबा मुफ्ती ने अपनी पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पी.डी.पी.) के एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि एकतरफा संघर्षविराम और फिर बातचीत के लिए तैयार होकर केंद्र ने कश्मीर की आवाम और नेताओं को एक मौका दिया है। अब उन्हें यह फैसला करना ही होगा कि इस मौके का कैसे फायदा उठाएं। महबूबा ने कहा कि संघर्ष विराम एवं बातचीत की पेशकश ने अलगाववादियों को जम्मू कश्मीर में कत्लेआम को रोकने का एक मौका दिया है।


उन्होंने कहा कि ऐसी अन्य पार्टियां भी हैं जो मुख्यधारा में नहीं हैं और अगर उनका कोई और एजेंडा है और वे जम्मू कश्मीर में कत्लेआम को रोकना चाहते हैं तो यह उनके लिये एक मौके की तरह है। हम हमेशा से यही कहते हैं कि जम्मू कश्मीर का राजनीतिक समाधान होना चाहिए और सेना, सी.आर.पी.एफ . या पुलिस इन्हें नहीं सुलझा सकती है।  महबूबा मुफ्ती ने कहा कि इसे सिर्फ बातचीत के जरिए राजनीतिक रूप से सुलझाया जा सकता है और जब केंद्र की ओर से बातचीत की पेशकश हुई है तो मैं सभी पक्षकारों से अनुरोध करती हूं कि वे जम्मू कश्मीर और उसकी अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए आगे आएं । केंद्र ने रमजान के पाक महीने में एकतरफा संघर्षविराम की घोषणा की है, जबकि केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने हाल में कहा कि अगर अलगाववादी बातचीत के इच्छुक हैं तो केंद्र घाटी में उनसे बातचीत के लिये तैयार है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वह अलगाववादियों पर इसके लिए दबाव नहीं बना सकते, लेकिन उन्हें (अलगाववादियों को) भी कश्मीर के नौजवानों को पत्थर और बंदूक की संस्कृति से बाहर निकालने पर सोचना ही होगा।

 


सेना या सी.आर.पी.एफ. पर हमला करने से कुछ भी हासिल नहीं होगा
मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने आतंकवाद की राह पर चल पड़े लोगों से हथियार छोडऩे की अपील की। महबूबा मुफ्ती ने कहा कि सुरक्षाबल पर हमले करने से कुछ हासिल नहीं होगा। सेना या सी.आर.पी.एफ . के जो जवान कश्मीर में आते हैं, वो गरीब राज्यों से होते हैं। उन पर हमला करने से कुछ हासिल नहीं होगा। मुख्यमंत्री ने कश्मीरी जनता को संबोधित करते हुए कहा कि अमन में ही रास्ता है।


 

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