Edited By vasudha,Updated: 17 May, 2018 05:00 PM
केरल हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि गाड़ी चलाते समय मोबाइल पर बात करना अपराध की श्रेणी में नहीं आता है। कोर्ट ने कहा कि यह तब तक गैरकानूनी नहीं है जब तक ड्राइव की वजह से पब्लिक सेफ्टी को कोई संकट नहीं होता...
नेशनल डेस्क: केरल हाईकोर्ट ने कहा कि गाड़ी चलाते समय मोबाइल पर बात करना अपराध की श्रेणी में नहीं आता है। कोर्ट ने कहा कि यह तब तक गैरकानूनी नहीं है जब तक ड्राइव की वजह से पब्लिक सेफ्टी को कोई संकट नहीं होता। डिविजन बेंच के जस्टिस एएम शफीक और जस्टिस पी सोमराजन ने यह फैसला दिया है। हालांकि हाईकोर्ट ने ये बात मानी कि गाड़ी चलाते वक्त लोगों की जिंदगी खतरे में पड़ सकती है। डिविजनल बेंच एमजे संतोष की तरफ से दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी।
अभियोजन ने बताया कि याचिकाकर्ता पिछले साल 26 अप्रैल की शाम को गाड़ी चलाते हुए फोन पर बात कर रहा था। उसे तभी पकड़ लिया गया। सिंगल बेंच ने पाया कि गाड़ी चलाते समय मोबाइल फोन पर बात करना मोटर वाहन अधिनियम के सेक्शन 118 (ई) में अपराध है। हालांकि कोर्ट ने कोई भी जुर्माना न लगाते हुए केस को खत्म कर दिया गया।
फोन पर बात न करने का नहीं बना कोई कानून
कोर्ट ने पुलिस से कहा कि वह कार्रवाई तभी कर सकता है जब किसी शख्स द्वारा फोन पर बात करने से लोगों की जिंदगी पर खतरा मंडराता हो। यह भी पाया गया कि राज्य पुलिस के कानून में अभी तक ड्राइवर्स को फोन पर बात करने से रोकने के लिए कोई कानून नहीं बना है। कोर्ट ने कहा कि यदि कोई केस दर्ज करना है तो उसके लिए पहले विधानसभा द्वारा वर्तमान कानून में संशोधन करना होगा। हाईकोर्ट ने जस्टिस सतीशचंद्रन के आदेश को सही माना।