जलीकट्टू के समर्थन में आज बंद, तमिलनाडु सरकार लाएगी अध्यादेश

Edited By ,Updated: 20 Jan, 2017 10:33 AM

tamil nadu government has decided to bring an ordinance on jallikattu

तमिलनाडु सरकार ने जल्लीकट्टू के आयोजन पर आज एक आपातकालीन अध्यादेश का मसौदा तैयार किया और इसे केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास भेज दिया।

नई दिल्ली: तमिलनाडु सरकार ने जल्लीकट्टू के आयोजन पर आज एक आपातकालीन अध्यादेश का मसौदा तैयार किया और इसे केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास भेज दिया। मुख्यमंत्री ओ.पनीरसेलवम ने आज नई दिल्ली में संवाददाताओं से कहा कि जल्लीकट्टू के मुद्दे पर कानून के जानकारों के परामर्श के बाद अध्यादेश का मसौदा तैयार कर लिया गया है और इसे केन्द्रीय गृह मंत्री के पास भेजा है।

गौरतलब है कि इस मुद्दे पर पनीरसेल्वम ने गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से नई दिल्ली में मुलाकात की थी लेकिन पीएम ने कहा कि ये मामले न्यायालय में लंबित है इसलिए इसपर अभी कुछ नहीं किया जा सकता। सीएम पनीरसेल्वम ने पीएम से मुलाकात के बाद ऐलान किया था कि जल्द ही अच्छी खबर आएगी। सीएम ने लोगों से प्रोटेस्ट खत्म करने की अपील की है। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट में ये मामला है और पहले अदालत ने इस पर बैन लगा दिया था। मद्रास हाईकोर्ट ने इस मामले में दखल देने से इंकार कर दिया था। 

जल्लीकट्टू पर आज अध्यादेश
पनीरसेलवम ने कहा कि अध्यादेश को राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी के पास मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के बाद इसे राज्यपाल कर्नल विद्यासागर राव के पास भेजा जाएगा। राज्यपाल के अनुमोदन के बाद एक-दो दिन के भीतर अध्यादेश लागू कर दिया जाएगा, जिसके बाद राज्य में एक या दो दिनों में जल्लीकट्टू का अयोजन शुरू कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री से मुलाकात के दौरान उन्होंने आश्वासन दिया था कि केंद्र सरकार इस मुद्दे पर राज्य सरकार की सहायता करेगी। तमिलनाडु में जलीकट्टू के समर्थन में आज स्कूल, कॉलेज और कारोबार सब बंद है।

चेन्नई से लेकर दिल्ली तक जंग जारी
सांडों की लड़ाई यानी जलीकट्टू को तमिलनाडु में आस्था के साथ जोड़कर देखा जाता है और यहीं कारण है कि इस पर अदालत की ओर से लगी रोक के बाद विरोध-प्रदर्शन तेज हो गए हैं। पिछले चार दिनों से चेन्नई के मरीना बीच पर भारी संख्या में लोग जमा होकर रोक का विरोध कर रहे हैं। तमिलनाडु के अलग-अलग हिस्सों और दिल्ली में भी विरोध हो रहा है। जलीकट्टू के समर्थन में राज्यभर में हो रहे प्रदर्शनों के साथ अब विपक्षी दल भी मैदान में कूद पड़े हैं। विपक्षी डीएमके ने राज्य में रेल रोको का आह्वान किया है। डीएमके के कार्यकारी प्रेसिडेंट एम. के. स्टालिन ने मंबलम रेलवे स्टेशन पर रेल रोको आंदोलन में हिस्सा लिया।

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