Edited By Anil dev,Updated: 14 Aug, 2019 04:37 PM
चालीस साल में एक बार खुलने वाले तमिलनाडु के कांचीपुरम में स्थिति भगवान वरदराजा स्वामी मंदिर में भगवान अती वरदार के दर्शन के लिए लिए आई एक महिला ने बुधवार को एक बच्चे को जन्म दिया जिसका श्रद्धालुओं ने भगवान अती वरदार के नाम पर नामकरण करने का आग्रह...
चेन्नई: चालीस साल में एक बार खुलने वाले तमिलनाडु के कांचीपुरम में स्थिति भगवान वरदराजा स्वामी मंदिर में भगवान अती वरदार के दर्शन के लिए लिए आई एक महिला ने बुधवार को एक बच्चे को जन्म दिया जिसका श्रद्धालुओं ने भगवान अती वरदार के नाम पर नामकरण करने का आग्रह किया है। जानकारी अनुसार विमला अपने पति अशोद्ब्रां उसने एक स्वस्थ्य बच्चे को जन्म दिया। उसे बाद मतार में खड़ी थी। इस दौरान उसे प्रसव पीड़ा हुयी। उसे श्रद्धालुओं ने परिसर में तैनात मेडिकल टीम के पास पहुंचाया जहां उसने एक स्वस्थ्य बच्चे को जन्म दिया। उसे बाद में कांचीपुरम सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया।
श्रद्धालुओं ने दंपति से आग्रह किया कि तीन किलोग्राम वजनी इस नवजात बच्चे का नाम वे भगवान अती वरदार के नाम पर रखें क्योंकि उसका जन्म बहुत ही दुलर्भ और पवित्र मौके पर हुआ है। देश का यह ऐसा पहला मंदिर है जो 40 साल में एक बार ही भक्तों के लिए खुलता है। रिपोटरं के अनसुार ,च्च् भगवान अती वरदार की मूर्ति भक्तों को दर्शन देने के लिए 40 साल में एक बार कुछ दिनों के लिए जल समाधि से बाहर निकाली जाती है। इस वर्ष तीन जुलाई को इस मूर्ति को मंदिर के पवित्र तालाब से बाहर निकाला गया और इसी के साथ 48 दिनों तक चलने वाला प्रसिद्ध कांची अती वरदान महोत्सव शुरु हो गया है। '' इससे पहले वर्ष 1979 में भक्तों को इस भगवान के दर्शन हुए थे।
भगवान अती वरदार के दर्शन के लिए भक्तों का हुजुम उमड़ पड़ता है। विदेश से भी श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं। अब तक करीब 90 लाख लोग भगवान अती वरदार के दर्शन कर चुके हैं।एक माह तक भगवान के दर्शन शयन अवस्था में होते हैं और एक अगस्त के बाद खड़ी मुद्रा में भक्त इनके दर्शन कर पाते हैं। एक जुलाई को भगवान अती वरदार की मूर्ति को पवित्र तालाब से बाहर निकालने के बाद दर्शन के लिए मंदिर के वसंत मंडपम में रखा गया था। राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित और मंदिर के पुजारियों की मौजूदगी में हजारों श्रद्धालुओं ने उनकी पूजा-अर्चना की। इस दौरान मूर्ति को फूल-माला के साथ भव्य यात्रा निकालकर मंदिर के अलग-अलग हिस्सों में ले जाया गया। भक्तों को किसी तरह की परेशानी न हो, इसके लिए प्रशासन की तरफ से खास व्यवस्था की गई है।