Edited By Anil dev,Updated: 04 Jul, 2018 06:15 PM
लखनऊ में तन्वी सेठ और अनस सिद्दीकी के पासपोर्ट विवाद में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। सरकार की एक आंतरिक जांच में पाया गया है कि पासपोर्ट के लिए कार्यालय में अपना आवेदन देने गए एक हिंदू-मुस्लिम दंपति से लखनऊ के पासपोर्ट अधिकारी और पुलिस ने अपने दायरे...
नई दिल्ली: लखनऊ में तन्वी सेठ और अनस सिद्दीकी के पासपोर्ट विवाद में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। सरकार की एक आंतरिक जांच में पाया गया है कि पासपोर्ट के लिए कार्यालय में अपना आवेदन देने गए एक हिंदू-मुस्लिम दंपति से लखनऊ के पासपोर्ट अधिकारी और पुलिस ने अपने दायरे से बाहर जाकर अप्रासंगिक सवाल पूछे। इस दंपति के पासपोर्ट अब जारी कर दिए गए हैं। क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी (आरपीओ) पीयूष वर्मा ने आज लखनऊ में बताया कि तन्वी सेठ और अनस सिद्दीकी के पासपोर्ट जारी कर दिए गए हैं। सूत्रों ने बताया कि जांच में पाया गया है कि पासपोर्ट के लिए कार्यालय में अपना आवेदन देने गए अंतरधार्मिक दंपति से धर्म के बारे में अप्रासंगिक सवाल पूछने वाले लखनऊ के पासपोर्ट अधिकारी विकास मिश्रा ने दायरे से बाहर जाकर पूछताछ की।
उन्होंने बताया कि पासपोर्ट जारी करने के लिए जरूरी सत्यापन प्रक्रिया के समय उनके आवास और अन्य अप्रासंगिक ब्यौरा जुटाने में उत्तरप्रदेश पुलिस ने भी गलती की। दंपति ने पासपोर्ट अधिकारी पर कथित रूप से परेशान करने का आरोप लगाते हुए कहा था कि उनकी अंतरधार्मिक शादी के कारण उन्हें निशाना बनाया गया। आरपीओ पीयूष वर्मा ने बताया कि विदेश मंत्रालय के दिशा-निर्देश के तहत दंपति के सत्यापन के बाद पुलिस से कोई प्रतिकूल रिपोर्ट नहीं मिली। विदेश मंत्रालय के जून 2018 के नियमों के अनुसार पुलिस रिपोर्ट में छह अहम ङ्क्षबदुओं में है कि अगर आवेदक पर कोई आपराधिक केस नहीं है और उसकी नागरिकता पर कोई विवाद नहीं है तो पासपोर्ट नहीं रोका जा सकता। इसी आधार पर तन्वी और अनस को पासपोर्ट जारी किया गया है।
गौरतलब है कि नोएडा की रहने वाली तन्वी सेठ अपना पासपोर्ट बनवाने उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में पासपोर्ट सेवा केंद्र पहुंची थी। इस दौरान तन्वी ने पासपोर्ट अधीक्षक विकास मिश्र पर धर्म के नाम पर उन्हें अपमानित करने का आरोप लगाया था। 21 जून को आरपीओ ने मिश्र का तबादला गोरखपुर कर दिया और दंपति के पासपोर्ट जारी कर दिए। दंपति ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को ट्विटर पर टैग किया था । अधिकारी के तबादले के बाद मंत्री को ट्रोल किया गया। स्थानीय पुलिस ने 26 जून को आरपीओ कार्यालय को अपनी रिपोर्ट भेजकर कहा था कि तन्वी सेठ पिछले एक साल से नोएडा में रहती हैं जबकि उन्होंने आवेदन में लखनऊ का जिक्र किया था।